धूप हो या बारिश, यहां सिर छिपाने की भी जगह नहीं
उन्नाव।
भगवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में बक्सर के ऐतिहासिक श्मशान घाट पर अव्यवस्थाएं भारी हैं। यहां सैकड़ो चिताएं खुले आसमान के नीचे ही जलती हैं। अपनों को खोने का गम लेकर यहां पहुंचने वाले लोगों को भी बारिश व गर्मी के मौसम में सिर छिपाने की जगह नहीं मिलती।
बक्सर स्थित श्मशान घाट पर पक्का चबूतरा, टिन शेड लगाने की मांग पिछले कई सालों से की जा रही है। हालांकि आज तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिले भर के लोगों के लिए अटूट श्रद्धा एवं विश्वास के प्रतीक इस बक्सर घाट पर जीवन की असली पाठशाला के अंतिम चरण में एक इंच छत की व्यवस्था न होना बैसवारे के इतिहास पर एक धब्बा है।
पिछले कई वर्षों से बक्सर श्मशान घाट पर विद्युत शवदाह ग्रह बनवाये जाने की पुरजोर मांग क्षेत्रीय लोगो द्वारा की जाती रही है लेकिन किसी भी राजनेता या समाजसेवी के कानों में आज तक जूं नही रेंग सकी। इस घाट पर रोज बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार को पहुंचते हैं। इनमें उन्नाव ही नहीं बल्कि पड़ोसी जिले के लोग भी शामिल होते हैं।
बक्सर घाट को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए यहां विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कराने की मांग उठी थी। लोगों ने क्षेत्रीय विधायक से लेकर जिला प्रशासन तक इस मुद्दे को पहुंचाया, हालांकि उनकी मांग पूरी नहीं हो सकी।