58 हजार महिलाओं को दी गई 24 करोड़ की मदद
बलरामपुर।
जच्चा-बच्चा की देखभाल के लिए मातृ वंदना योजना पालनहार बन रही है। पिछले दो साल में 58 हजार से अधिक गर्भवती व प्रसूताओं को करीब 24 करोड़ रुपये की मदद सीधे उनके बैंक खाते में दी गई। कोरोना काल में तीन अलग-अलग किस्तों में सरकार से मिली इस मदद ने न केवल जच्चा का ध्यान रखा बल्कि घर में आए नए मेहमान के पालन पोषण में कोई तंगी नहीं आने दी जाएगी।
कोरोना काल के संकट में भी गरीब महिलाओं को बच्चा घर पर छोड़कर मजदूरी करने के लिए निकलना नहीं पड़ा। वह मिली मदद से खुद व बच्चे की देखभाल कर कुपोषण व बीमारी की मार से बच गई। यही कारण है कि इस योजना का अधिकाधिक लाभ महिलाओं को दिलाकर जिला दो साल से देवीपाटन मंडल में पहले स्थान व पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर है।
गर्भवती होते ही मिलती है मदद:
गर्भवती होते ही मातृ वंदना योजना को पहली किस्त एक हजार रुपये मिल जाती है। इसके लिए उसे बस आधार व टीकाकरण कार्ड के साथ बैंक खाता नंबर देकर पंजीकरण कराना होता है। छह महीने की गर्भावस्था या कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच के बाद दूसरी किस्त 2000 मिलती है। तीसरी किस्त 2000 तब मिलती है जब बच्चे का जन्म पंजीकृत हो जाता है। साथ ही उसे बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी व हेपेटाइटिस-बी का टीका लगा दिया जाता है। इसमें बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र, टीकाकरण, पति-पत्नी का दोनों आधार कार्ड देना होता है।
मातृ वंदना के जिला कार्यक्रम सहायक पुनीत मणि त्रिपाठी ने बताया कि मातृ वंदना के लाभार्थियों को जननी सुरक्षा योजना का लाभ भी दिलाया जाता है। इससे शहर की प्रसूता 6000 व ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूता को अलग-अलग किस्तों में 6400 रुपये मिल जाते हैं जो उनके लिए मददगार साबित हो रही है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार ने बताया कि मातृ वंदना में जिले प्रदेश में दूसरा स्थान है। यह आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए मददगार साबित हो रही है।