बलरामपुर

संजीवनी बनी राप्ती नहर, खेत ओढ़ेंगे हरियाली की चादर

बलरामपुर।

सरयू नहर परियोजना के मुख्य नहर ठकुरा थरौली में पहली बार कलकल की आवाज कर बहती जलधारा को देखकर आसपास के क्षेत्र के किसानों का दिल बाग बाग हो उठा है। नहरों में पानी आ जाने से अब असिचित क्षेत्र के खेत भी सोना उगलेंगे। नहर किसानों के लिए संजीवनी बन गई है। हरैया सतघरवा, गैंसड़ी, पचपेड़वा के किसान अब फसल लहलहाने का ख्वाब संजोने लगे हैं।

प्रगतिशील किसान मौलाना कुतुबुल्ला धान एवं गेहूं की व गन्ने की अच्छी खेती करते हैं। उनका कहना है कि यह नहर किसानों के लिए संजीवनी सिद्ध होगी। अगर मुख्य नहर से लिक नहर निकालकर या चित्तौड़गढ़ जलाशय से निकली उप शाखाओं को भी मुख्य नहर से जोड़ दिया जाए, तो पूरा क्षेत्र सुंदर बन जाएगा।

भोजपुर थारू के सुनील कुमार वैद्य ने बताया कि बुजुर्गो के मुताबिक 49 वर्ष पूर्व नहर की पैमाइश हुई थी। 2013 में सपा सरकार नहर की खोदाई तो कराई, लेकिन पूरा नहीं कराया। पिछले पांच सालों में नहर निर्माण ने तेजी पकड़ी है।

फोहरी के अहमद हुसैन ने बताया कि जब इंदिरा सरकार में नहर की खोदाई की घोषणा हुई थी, तो उस समय केवल भूमि आरक्षित की गई थी। कई जगहों को चिह्नित कर छोड़ दिया गया था। वर्ष 2013 में फिर से इस नहर पर काम शुरू हुआ था, लेकिन बजट के अभाव में बंद हो गया। भाजपा सरकार ने नहर पूरा कराकर किसानों को संजीवनी दी है।

राप्ती मुख्य नहर का पानी देखकर थरौली, ठाकुरापुर, भोजपुर थारू जंमधरा, चैपुरवा, खमरिया, परसोहिया के किसान अपनी खुशी बयां नहीं कर पा रहे हैं। इन गांवों में नहरें लबालब होने से अब किसान फसल लहलहाने को बेताब हैं। किसान शिवकुमार ने बताया कि नहर में पानी आ जाने से पंपसेट लगाकर अब आसानी से गन्ने एवं धान की सिचाई की जा सकती है।

चित्तौड़गढ़ जलाशय परियोजना के चित्तौड़गढ़, मजगवां, भगवानपुर, गणेशपुर, बघेलखंड, कोहरगड्डी व गिरगिटही बांध से निकली सभी नहरों की सफाई करके सरयू मुख्य नहर से जोड़ने की जरूरत है। इससे हर क्षेत्र तक पानी आसानी से पहुंच जाएगी। ऐसे में इस क्षेत्र के लिए सरयू नहर परियोजना वरदान साबित होगी।

रिपोर्ट- राजेन्द्र प्रताप देवगिरि।
रिपोर्ट- राजेन्द्र प्रताप देवगिरि।

 

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