पंचायत सहायकों के लिए सभी गांवों में नहीं भवन, 81 जर्जर
बलरामपुर।
गांव के विकास और अन्य सरकारी कार्यक्रमों के लिए पंचायत भवनों का निर्माण अधर में है। 800 में से 672 गांवों में पंचायत भवनों का निर्माण हो सका है। 24 गांवों में जमीन न मिलने से अब तक नींव नहीं डाली गई है। 81 भवन जर्जर पड़े हैं। इनके स्थान पर नए भवन का निर्माण नहीं शुरू हो सका है। ऐसे में पंचायत सहायकों के बैठने के लिए स्थान नहीं है।
दो साल से ग्राम पंचायत भवनों के निर्माण पर अधिक जोर दिया जा रहा है। इसके बाद भी जिले के सभी ग्राम पंचायतों में भवन बन कर तैयार नहीं हो सका है। 24 गांवों में विवादित जमीन का चयन कर प्रधानों ने प्रस्ताव कर दिया। दो ग्राम पंचायतों में रेहरा बाजार के अलाउद्दीनपुर और रनकीबदलपुर में भूमि विवाद का मामला न्यायालय में है। कुरथुआ में जिस जमीन का प्रस्ताव किया गया है। वहां तक पहुंचने को रास्ता नहीं है। रामपुर अरना में चयनित जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। इस कारण भूमि चयन से आगे की प्रक्रिया नहीं बढ़ सकी है।
23 मरम्मत के योग्य:
वर्षों पहले गांवों में बने भवनों में 81 पंचायत भवन जर्जर हो गए हैं। 23 मरम्मत के योग्य है। इनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण नहीं किया गया है। ऐसे में 785 में एक-दो छोड़कर पंचायत सहायकों को गांव में बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही है। आवश्यक संसाधन भी सहायकों के पास नहीं है।
चल रही चयन की प्रक्रिया:
जिला पंचायत राज अधिकारी नीलेश प्रताप सिंह का कहना है कि जिन ग्राम पंचायतों में जमीन नहीं मिली है। वहां भूमि की तलाश की जा रही है। ग्राम पंचायत से प्रस्ताव करके शीघ्र ही भवनों का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।