बर्फीली हवाओं ने बढ़ाई ठिठुरन, बचाव के नहीं जतन
बलरामपुर।
दिसंबर का एक पखवाड़ा बीत चुका है। रविवार को मौसम का मिजाज बदला नजर आया। सुबह घना कोहरा रहने के साथ बर्फीली हवाएं चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। कोहरे से ढके आसमान में सुबह करीब 11 बजे सूर्य देवता ने दर्शन दिए, लेकिन बर्फीली हवाओं के आगे धूप बेदम रही।
वहीं, दिनभर धूप खिली होने के बाद भी ठंडी हवाओं से लोग ठिठुरते दिखाई दिए। अवकाश का दिन होने के कारण बड़ा परेड ग्राउंड समेत मैदानों में बच्चे व बड़े खेलते नजर आए। पारा अधिकतम 21 व न्यूनतम सात डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। उधर, प्रशासन की ओर से अब तक बचाव की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
राहगीरों की बढ़ी परेशानी:
मौसम में एकाएक परिवर्तन से राहगीरों व रिक्शा चालकों की परेशानी बढ़ गई है। सुबह-शाम चलने वाली बर्फीली हवाओं से पड़ने वाली ठंड से निजात पाने को राहगीर कचरा जलाने को विवश हैं। अब तक जिला व नगर पालिका प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाने की व्यवस्था नहीं हुई है।
बच्चों व बुजुर्गो का रखें विशेष ध्यान:
जिला मेमोरियल चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक डा. अजय पांडेय का कहना है कि ठंड में बच्चों व बुजुर्गो का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। लापरवाही से वे बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। बताया कि उनको गर्म कपड़े पहनाएं। नहाने व पीने में गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। ठंडी चीजें खाने से परहेज करें। कोहरा पड़ रहा है। सुबह टहलने निकलें तो गर्म कपड़े जरूर पहनें। दिल के मरीज भोर में न टहलें।
झुलसा रोग से बचाएं सरसों की फसल:
कृषि विज्ञान केंद्र पचपेड़वा के कृषि विज्ञानी डा. अंकित तिवारी का कहना है कि सरसों में झुलसा रोग का प्रकोप अधिक हो सकता है। इसके प्रभाव से फसल झुलस जाती है। इस रोग से बचाने के लिए दो किग्रा मैकोजेब 75 प्रतिशत या दो किलोग्राम जीरम 80 प्रतिशत डब्ल्यूपी अथवा दो किलोग्राम जिनेब 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी या दो किलोग्राम कापर आक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत को छह सौ लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। बताया कि सोमवार को भी कोहरा पड़ने के साथ बदरी छाए रहने की संभावना है।