बलरामपुर

किसानों के लिए अभिशाप बनी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना

बलरामपुर। तराई की धरती को तृप्त करने के लिए बनाया गया सरयू नहर किसानों को वरदान के बजाए अभिशाप बना हुआ है। एक माह पहले शुरू हुई सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना नहर से जिले के करीब दो हजार से अधिक किसानों के फसल बर्बाद हो चुके हैं।

अधिकारियों की लापरवाही किसानों के मेहनत पर पानी फेर रही है। लिंक नहरें पानी छोड़े जाने के लिए तैयार नहीं है। लिंक नहरों में पानी न छोड़े जाने से मुख्य नहर का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है।

असिंचित क्षेत्र के किसान पानी न मिलने से फसल की बुआई नहीं कर पा रहे हैं।
गत 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहराइच, श्रावस्ती व बलरामपुर से गोरखपुर जाने वाली 318 किलोमीटर लंबी सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का बलरामपुर के हंसुवाडोल से उद्घाटन किया था।
सरयू मुख्य नहर की लंबाई जिले में करीब 95 किलोमीटर है। इस नहर हरैया सतघरवा, तुलसीपुर, गैसड़ी तथा पचपेड़वा ब्लाक के असिंचित करीब डेढ़ लाख किसानों के खेतों की सिंचाई का लाभ मिलेगा।
मुख्य नहर में लोकार्पण के बाद पानी लबालब भरा हुआ है। मुख्य नहर से जोड़ने वाला लिंक नहर अभी तैयार ही नहीं है। इन्हीं लिंक नहरों में आने वाले पानी से किसान खेतों की सिंचाई कर सकेंगे।
लिंक नहरों में कहीं सायफन तो कहीं पुलिया का निर्माण हो रहा है। लिंक नहरें तैयार न होने से बेलीकला, कल्यानपुर, शिवपुरा, करौंदा, ओड़ाझार, बनकटवा, ओड़ाझार खुर्द व भवनियापुर सहित लगभग सौ गांव के लोगों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। एक माह में जर्जर व क्षतिग्रस्त लिंक नहर में पानी छोड़े जाने से महराजगंज तराई व गैड़ास बुजुर्ग क्षेत्र में दो हजार बीघे से अधिक तिलहनी, गेहूं व मसूर की फसल तबाह हो चुकी है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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