डाक्टर समेत 16 कर्मियों का रोका गया वेतन
बलरामपुर।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की खराब प्रगति पर सात डाक्टर सहित 16 स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन रोक दिया गया है। स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण में लापरवाही मिलने पर कार्रवाई सीएमओ के आदेश पर पचपेड़वा व रेहरा बाजार सीएचसी के अधीक्षकों ने की है।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एक चिकित्सक, एक दंत रोग विशेषज्ञ, एक नेत्र परीक्षक व एक एएनएम की दो-दो टीमें लगाई गई हैं। शनिवार को छोड़कर इन टीमों द्वारा प्रत्येक दिन कम से कम एक स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना है। बाल स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम की प्रगति जानने के लिए बीते दिनों सीएमओ द्वारा समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। समीक्षा में पचपेड़वा व रेहरा बाजार की प्रगति काफी खराब मिली।
खराब प्रगति पर नाराजगी जताते हुए सीएमओ डॉ. सुशील कुमार ने सीएचसी पचपेड़वा व सीएचसी रेहरा बाजार के अधीक्षक को सुधार और लापरवाह डॉक्टर व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। सीएमओ के निर्देश पर सीएचसी पचपेड़वा के अधीक्षक डॉ. मिथलेश ने डॉ. शमशाद आलम खान, डॉ. रईश, डॉ. आरके सिद्धार्थ, नेत्र परीक्षक रवि कुमार, राज कुमार सैनी एवं एएनएम उमा यादव व चंदा सिंह का वेतन रोक दिया है। इसी तरह रेहरा बाजार के अधीक्षक डॉ. सुजीत पांडेय ने डॉ. जाहिर हुसैन, डॉ. सरिता मल, डॉ. केडी गौतम, डॉ. मो. अशरफ, नेत्र परीक्षक मो. आरिफ, नरेंद्र नाथ पांडेय तथा एएनएम निशा वर्मा व बाल सुधा का वेतन रोका है।
