किसान बोले, मिल प्रबंधन कर रहा निर्णायक कदम उठाने को मजबूर
लखीमपुर खीरी।
बकाया भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों का धरना प्रदर्शन सोमवार को 16वें दिन भी जारी रहा। किसानों ने कहा कि 16 दिन से किसान अपना भुगतान पाने के लिए आंदोलन कर रहा है, लेकिन न तो मिल प्रबंधन ने आना उचित समझा है और न ही डीएम व जिला गन्ना अधिकारी ही किसानों से मिलने आए हैं। ऐसे में किसान अब निर्णायक कदम उठाएगा, जिसके परिणाम कुछ भी संभव हैं।
बीती 28 नवंबर से बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर किसान चीनी मिल में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। क्रमिक अनशन भी किसानों द्वारा किया जा रहा है जिसमें सोमवार को रमजान अली, अवतार सिंह, गुरसेवक सिंह, बयन्त सिंह, सोनू आदि किसान अनशन पर बैठे। किसान नेताओं ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि 16 दिन से किसान भुगतान की मांग को लेकर बैठे हैं, लेकिन न तो मिल प्रशासन ने ही किसानों के बीच आकर वार्ता करने की कोशिश की है और न ही डीएम व जिला गन्ना अधिकारी ही मौके पर आए हैं। मिल के मालिक व प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। अब किसान बड़ा और निर्णायक कदम उठाएगा उसके बाद ही मिल प्रबंधन चेतेगा और किसानों के बकाया भुगतान की बात करेगा।मं
च का संचालन कर रहे किसान नेता गुरप्रीत सिंह नन्नर उर्फ गोपी ने कहा कि रविवार शाम को किसानों की प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता हुई थी, जिसमें 24 घंटे का समय किसानों ने मिल प्रबंधन को दिया है। किसानों को पता चला है कि दिल्ली से मिल के बड़े अधिकारी लखीमपुर में आकर सोमवार को बैठक करेंगे, जिसमें कोई न कोई निर्णय अवश्य निकलेगा। अगर निर्णय संपूर्ण बकाया भुगतान देने का होगा तो किसान उसका सम्मान करेगा अन्यथा की स्थिति में मंगलवार से किसान निर्णायक कदम उठाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी
पुलिस ने दर्ज किए किसानों को बयान
चीनी मिल बंदी को लेकर किसानों के पुलिस भी बयान ले रही है। सोमवार को थाना के क्राइम इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने किसान नेता जगपाल सिंह ढिल्लन के बयान दर्ज किए। जगपाल ने बताया कि उनके व उनकी माता जी के नाम पर सट्टा होता है, जिसका पिछले सत्र का करीब साढ़े चार लाख रुपये चीनी मिल पर बकाया है। जगपाल ने बताया कि उनका बयान लिया गया है अन्य किसानों से भी पुलिस बयान ले रही है।
गोला के किसानों पर दबाव पड़ने पर यहां से कूच करेंगे किसान
किसान नेताओं ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि गोला में किसानों के बकाया भुगतान के आंदोलन को तोड़ने का कार्य लगातार जारी है। वहां के किसानों पर अगर किसी तरीके का दबाव डालकर मिल चलवाने के लिए विवश किया जाएगा तो उसके परिणाम गंभीर होंगे। पलिया का किसान गोला जाकर वहां के किसानों का साथ देंगे।