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क्या बिहार में JDU-BJP के बीच मची है जनता का ‘हितैषी’ बनने की होड़? जानें क्यों उठ रहा ये सवाल

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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सूबे की जनता की परेशानी से रूबरू होने के लिए पांच सालों बाद फिर एक बार जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की शुरुआत की है. हर सप्ताह के सोमवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान वो जनता की परेशानियों को सुनते हैं और फिर उसे अपने स्तर से सुलझाने का प्रयास करते हैं. इधर, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के साथ ही बीजेपी ने भी सहयोग कार्यक्रम की दोबारा शुरुआत कर दी है.

जनता की परेशानी सुनते हैं मंत्री

बीजेपी के मंत्री प्रदेश कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन करते हैं और इस दौरान जनता की परेशानियों से रूबरू होकर उसका निपटारा करने की कोशिश करते हैं. अब सवाल उठता है कि जब राज्य के मुखिया खुद जनता की परेशानियों को सुन रहे हैं, उसे निपटाने की कोशिश कर रहे हैं तो फिर बीजेपी कोटा से मंत्री बने नेता उनकी ही तरह काम करने में क्यों जुटे हुए हैं? क्या गठबंधन की दोनों पार्टियों के बीच जनता का हितैषी बनने की होड़ मची है? 

मंत्री नितिन नवीन ने कही ये बात

बुधवार को सहयोग कार्यक्रम में शामिल हुए बिहार सरकार में मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि पार्टी का सहयोग कार्यक्रम पहले भी चलता था. इसी क्रम को पार्टी ने दोबारा कार्यक्रम को शुरू किया है. कोरोना को लेकर इस कार्यक्रम को रोका गया था. लेकिन अब जब स्थिति में सुधार हुई है, तो प्रयास है कि जनता की समस्याओं को पार्टी कार्यालय में सुना जाए और उसका निदान निकाला जाए. 

उन्होंने कहा, ” बिहार भर से लोग आते हैं और आज विभाग के दृष्टि से जो समस्या आई है, हमारे कुछ एजेंसियों ने पेमेंट नहीं किया उसको लेकर है. वहीं, कुछ भूमि सुधार राजस्व विभाग से भी हैं. तो विभाग के मंत्री का आज विशेष दौरा होने के कारण हम उनके विभाग को ये जानकारी सुपुर्द करेंगे.” 

बीजेपी नेताओं ने कही ये बात

इसके पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय समेत अन्य नेताओं से भी जब ये सवाल पूछा गया था तो उन्होंने भी मिलता जुलता जवाब ही दिया था. कार्यक्रम के संबंध में बीजेपी नेताओं का कहना है कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनता से जुड़ना है. उनकी परेशानी को समझना है और उसका समाधान करना है. जनप्रतिनिधि जनता से जितना ज्यादा जुड़ेंगे, उतनी अच्छी  तरह से सरकार चल पाएगी. मुख्यमंत्री भी अपने कार्यक्रम में यही प्रयास करते हैं.

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