बाराबंकी

कायाकल्प से संवरेगी भगहर झील, प्रवासी परिदों का गूंजेगा कलरव

बाराबंकी।

कभी नौकायन के लिए जानी जाने वाली भगहर झील में अब न तो नौकाएं दिखाई देती हैं और प्रवासी परिदों का कलरव ही गूंज रहा है। पर्यटकों का मोह भी इस झील दूर होने लगा था। झील के आसपास बेसहारा व जंगली जानवरों का जमावड़ा था।

पैडल बोट का आनंद लेंगे पर्यटक : यहां आने वाले पर्यटक झील में पैडल बोट का आनंद ले सकेंगे। वहीं वाच टावर से विदेशी पक्षियों के साथ प्राकृतिक सौंदर्य के ²श्य का लुफ्त भी उठा सकेंगे। बजट से भगहर झील के लिए एक पैडल बोट खरीदी जाएंगी। साथ ही एक वाच टावर का निर्माण किया जाएगा।

फैक्ट फाइल रामनगर से सूरतगंज जाने वाले मार्ग पर स्थित : भगहर झील

औसत लंबाई : 3.5 किलोमीटर

चौड़ाई : 250 मीटर

झील का क्षेत्रफल : 805000 वर्गमीटर

जल ग्रहण क्षमता : 2415000 हजार क्यूसिक मीटर

सिल्ट जमा होने के बाद की जल ग्रहण क्षमता : 1280000 हजार क्यूसिक मीटर

झील का कुल क्षेत्रफल : 7384 हेक्टेयर

झील के किनारे गांवों की संख्या : पांच

झील में वर्तमान समय में पानी आता है : जरखा ड्रेन से

वर्षा के समय : सिमली नदी का पानी झील से होकर घाघरा नदी में जाता है

मई-जून माह पानी : भरा रहता है।

प्रोजेक्ट : 36 लाख

टीम के अथक प्रयास से शासन की ओर से 36 लाख के सापेक्ष दस लाख की धनराशि स्वीकृत हुई है। इससे परिसर में पर्यटकों के लिए सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

ब्यूरो रिपोर्ट- मो. कदीर।

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