नेपाल से आए जंगली हाथी हो रहे नशे के आदी
लखीमपुर खीरी।
बांकेगंज। नेपाल से आए जंगली हाथियों के मोहम्मदी रेंज से वापस न होने के पीछे अजीबो-गरीब कारण सामने आ रहा है। जंगल के आसपास बनने वाली कच्ची शराब पीकर यह हाथी मतवाले हो रहे हैं। करीब तीन माह तक यहां रहने और लगातार लहन पीने से कई हाथी शराब के आदी हो चुके हैं। इसलिए ये नेपाल वापस नहीं जा रहे हैं। डीएफओ का कहना है कि इस समस्या से निपटने के लिए जल्दी ही आबकारी विभाग से मिलकर वन विभाग कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चलाएगा।
दक्षिण खीरी वन प्रभाग के मोहम्मदी रेंज में लंबे प्रवास के कारणों का जब डब्ल्यूटीआई, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और वन विभाग ने संयुक्त रूप से अध्ययन किया तो यह बात सामने आई कि जंगल के आसपास खेतों में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से कच्ची शराब का निर्माण होता है। हाथी जब रात के समय खेतों में निकलते हैं तो उन्हें वहां पर्याप्त मात्रा में लहन पीने को मिल जाता है। लहन पीकर हाथी मस्त हो जाते हैं। इसमें झुंड का एक मुखिया टस्कर हाथी लगातार लहन पी रहा है। इसके चलते टस्कर ने अपने अन्य साथियों को इसी जंगल में रोक रखा है। इससे पहले तिकुनिया क्षेत्र में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था।
डीएफओ संजय बिस्वाल का कहना है कि हाथी लहन को मीठा पानी समझ पी रहे हैं लेकिन इस लहन में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होने से उन्हें शराब का नशा मिल रहा है। अब इन्हें नशे की लत लग चुकी है। इसलिए यह जगह बदलने को तैयार नहीं हैं। उधर जंगल के आसपास इन हाथियों को मुलायम गन्ना भी खाने को खूब मिल रहा है।
पर्याप्त मात्रा में भोजन, पानी के साथ नशे के लिए लहन का मिलना इनकी नेपाल वापसी में बाधक बना हुआ है।
डीएफओ ने बताया कि अध्ययन में यह बात सामने आने के बाद वन विभाग ने आबकारी विभाग के साथ मिलकर अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया है। जब इन हाथियों को लहन मिलना बंद हो जाएगा तो यह हाथी स्वत: ही नेपाल वापस चले जाएंगे। इस साल प्रवास के लिए आए लगभग सभी झुंड वापस नेपाल जा चुके हैं। लहन न मिलने पर इन हाथियों की भी घर वापसी निश्चित है।