बलरामपुर

विकास हो रहा है प्रभावित

बलरामपुर।

सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद आकांक्षी जनपद में सभी पदों पर तैनाती नहीं हो पा रही है। कलेक्ट्रेट, विकास भवन, स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों के तमाम पद रिक्त हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी के चलते जिले का विकास प्रभावित हो रहा है। पांच नगर निकायों में से मात्र दो नगर निकायों में ही अधिशासी अधिकारी नियुक्त हैं। तीन नगर निकाय उधारी के ईओ से संचालित हो रहे हैं।

भारत सरकार के नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश के आठ जनपदों को आकांक्षी जनपद घोषित किया है। जिसमें बलरामपुर जनपद भी शामिल है। विकास की दौड़ में पीछे रह गए इन जनपदों के विकास कार्य की निगरानी नीति आयोग स्वयं कर रहा है। प्रदेश की कैबिनेट ने मंगलवार को जिस स्थानांतरण नीति को मंजूरी दी है, उसमें भारत सरकार की ओर से घोषित प्रदेश के आकांक्षी व बुंदेलखंड क्षेत्र के पिछड़े जनपदों में कोई भी पद रिक्त न होने की बात कही गई है। स्थानांतरण नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 14 जिलों व 100 पिछड़े विकासखंडों में कोई भी पद रिक्त नहीं रहेगा। सरकार की इस स्थानांतरण नीति से पहले जिले में अधिकारियों व कर्मचारियों के तमाम पद रिक्त हैं।

अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी से जिले का अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा है। अब नई स्थानांतरण नीति के तहत जिले के रिक्त पदों पर तैनाती की संभावना बढ़ गई है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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