जनता की जेब पर बिजली का बोझ बढ़ाने की तैयारी! किसान-मजदूर यूनियन ने दी चेतावनी, कहा – निजीकरण बंद करो, वरना होगा आंदोलन
लखनऊ, आशियाना।
भारतीय किसान मजदूर जनसेवा यूनियन ने बिजली के बढ़ते निजीकरण और महंगी दरों के खिलाफ ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया। रविवार को अंबेडकर ऑडिटोरियम, आशियाना में आयोजित बिजली महापंचायत में यूनियन के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक यादव के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता और दर्जनों पदाधिकारी एकजुट होकर “बिजली बचाओ, जनता बचाओ” का नारा बुलंद करते दिखे।
महापंचायत में पावर कॉर्पोरेशन के उस प्रस्ताव का विरोध किया गया जिसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले उपभोक्ताओं की बिजली दरें ₹300 से बढ़ाकर ₹400 प्रतिमाह करने की बात कही गई है। यही नहीं, अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए भी दरों में वृद्धि प्रस्तावित है।
अभिषेक यादव ने कहा,
“अगर बिजली निजी हाथों में चली गई, तो जनता को लूटने का खुला मौका मिल जाएगा। मुंबई में टाटा और अदानी पॉवर की दरें 15.71 रुपये प्रति यूनिट तक हैं। कोलकाता में भी 9.21 रुपये प्रति यूनिट ली जाती है। इसके अलावा, निजी कंपनियां उपभोक्ताओं से छुपे हुए चार्ज भी वसूलती हैं।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि
“बिजली कोई व्यापार नहीं, जन सेवा है। इसे जनता के अधिकार से छीना नहीं जा सकता। हमारी मांग है कि सार्वजनिक क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बनी रहे और गरीबों पर अतिरिक्त बोझ न डाला जाए।”
यूनियन ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर बिजली दरों में बढ़ोतरी और निजीकरण की दिशा में कदम बढ़ाए गए, तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।
जनता की आवाज बनकर खड़ी इस यूनियन ने साबित कर दिया है कि जब सवाल रोटी, रोजगार और बिजली का हो, तो किसान-मजदूर चुप नहीं बैठते।अभिषेक यादव राष्ट्रीय सचिव
भारतीय किसान मजदूर जनसेवा यूनियन
“हम वो मशाल हैं जो अंधेरे में रोशनी और अन्याय के खिलाफ न्याय की लौ बनकर जलते रहेंगे।”
