*संपादक अनूप कुमार गुप्ता, संजय राजन, रेखा गौतम को न्यायालय ने जारी किया नोटिस।*
*अनूप गुप्ता की खबरों ने योगी सरकार के विभागों पर लगाये गंभीर आरोप*
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पत्रकारिता का नया स्वरूप देखने को मिलता है जिसमें तवायफ, वैश्या, हत्यारा, दलाल, कुत्ता, वैश्या का उस्ताद, दल्ले, रंगा सियार, 420 जैसे शब्दों के जनक अनूप गुप्ता की लेखनी पर तो चर्चा नहीं होती लेकिन गणमान्य व्यक्तियों को लिखे गए शब्दों की चमक और दमक से जो मकान और दुकान की भव्यता दिखती है वो ज़रूर चर्चा का विषय है और इन्हीं शब्दों की सही मायनों में व्याख्या जानने के लिए डॉ मोहम्मद कामरान द्वारा न्यायालय के सम्मुख दाखिल परिवाद में अनूप गुप्ता और उनके सहयोगी संजय राजन, रेखा गुप्ता को दिनांक 24 जून 2025 को नोटिस जारी किया गया है।
डॉ कामरान द्वारा दाखिल परिवाद के माध्यम से सर्वाेच्च न्यायालय के उस आदेश की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की गयी है जिसमें पत्रकार को ब्लैकमेलर ओर दलाल बताया गया है जबकि किसी भी अदालत के आदेश हेतु विभिन्न आख्या करने का किसी को कोई अधिकार नही है और विधि द्वारा स्थापित नियमों के अनुसार यदि अदालत के आदेशों की मनगढ़ंत आख्या की जाती हैे तो अदालत की अवमानना का अपराध माना जाता है।
अनूप गुप्ता द्वारा प्रखर पोस्ट, समाचार पत्र में प्रमुखता से परिवादी के स्वामित्व में दर्जनों समाचार पत्र प्रकाशित किये जाने का समाचार केवल बदनाम करने के लिए छापा है जबकि उसी समाचार पत्र में वर्ष 2013 में समस्त समाचार पत्र निरस्त किए जाने का वर्णन किया गया है और उनके सहयोगी संजय राजन द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप एडिटर एंड जर्ननिस्ट के माध्यम से उक्त समाचार को प्रचारित प्रसारित करने का अपराध कारित किया गया है।
अनूप गुप्ता द्वारा प्रखर पोस्ट, समाचार पत्र के ईपेपर की प्रिंट लाइन में जिस लक्ष्मी ऑफसेट का उल्लेख करते हुए महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील भाषा के साथ महिलाओं की मर्यादा, अखंडता और निजता का हनन करने का अपराध कारित किया गया है उसी लक्ष्मी ऑफसेट द्वारा प्रिंट लाइन में नाम के अवैध प्रयोग हेतु जिलाधिकारी, लखनऊ को पत्र देते हुये उक्त कृत्य को गैर कानूनी बताया गया है। लक्ष्मी आफसेट द्वारा पत्र जारी करने के उपरांत अनूप गुप्ता द्वारा पूर्व में जितने भी समाचर प्रखर पोस्ट और दृष्टांत पत्रिका में प्रकाशित किये गये है वो अनूप गुप्ता के फर्जीवाड़े के अपराध को प्रमाणित करते है परन्तु अनूप गुप्ता द्वारा अश्लील, अपमानजनक और अमर्यादित भाषाशैली के समाचार पत्र की छपाई हेतु रेखा गौतम के स्वामित्व की प्रिंटिंग प्रेस एम.के.एस. आफसेट प्रिंटर्स, देवा रोड, लखनऊ का सहयोग मिलना किसी नये प्रयोग से कम नही दिखता।
रेखा गौतम स्वयं एक सम्मानित महिला है और राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार राजेन्द्र गौतम की पत्नी है जिनके विरुद्ध प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा पीत पत्रकारिता का आरोप लगाते हुए कार्यवाही भी की गयी है और निष्पक्ष दिव्य संदेश, तिजारत जैसे समाचार पत्र की संपादिका होने के कारण प्रेस और पत्रकारिता के नैतिक दायित्वों, कर्त्वयों से भली भांती परिचित होना स्वभाविक है परन्तु परिवादी की पत्नी की तस्वीर अश्लीलता के साथ किन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये प्रकाशित किये जाने में पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया है, उस संबंध में न्यायालय के सम्मुख जवाब दाखिल करने पर खुलासा होगा।
परिवाद में रेखा गौतम के विरुद्ध थाना हजरतगंज में मुकदमा अपराध संख्या 0249/2022 धारा 506, 504, 500, 200, 120बी आइ.पी.सी., 180, धारा 14 प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, धारा 66 आईटी एक्ट एवं थाना वजीरगंज में मुकदमा अपराध संख्या 227 धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 का उल्लेख किया गया है, वही स्वयं को 24 कैरेट की इमानदारी में तौलते समाचार सम्पादक अनूप गुप्ता के उपर दर्ज मुकदमों की फेहरस्ति भी न्यायालय के सममुख उपलब्ध करायी गयी है। मुकदमा अपराध संख्या 52/2024, थाना हुसैनगंज, लखनऊ, मुकदमा अपराध संख्या 0101/2022, थाना हजरतगंज, लखनऊ, मुकदमा अपराध संख्या 0227/2019, मुकदमा अपराध संख्या 492/2022, थाना हजरतगंज, लखनऊ, मुकदमा अपराध संख्या 503/2015, थाना हजरतगंज, लखनऊ एवं लखनऊ न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी का अधिपत्र जारी करने की सूचना उपलब्ध करायी गयी है। एक पत्रकार संजय प्रजापति द्वारा धोखाधड़ी के मामले में थाना हजरतगंज, लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराने हेतु प्रार्थना पत्र दिया है तो उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष जाँच दल (एस०आई०टी०) की जॉच आख्या में अनूप गुप्ता, सम्पादक-दृष्टान्त हिन्दी मासिक पत्रिका के विरूद्ध गणमान्य व्यक्तियों के विरूद्ध अनैतिक, तथ्यहीन आरोप लगाकर लिखे गये लेखों से विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा, अवमानना पैदा कर अपहानि करते हुए सरकार की छवि धूमिल करने के सभी आरोप सिद्ध पाये गये है। अनूप गुप्ता ईमानदारी के नाम पर अश्लील भाषाशैली की पत्रकारिता का एक ऐसा रूप बनकर उभरा है जिसने बहुत की कम समय में करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है जबकि खबरों के नाम पर जिस तरह की शब्दावली का प्रयोग समाचार पत्र में किया जाता है, उस समाचार पत्र को कोई भी सम्मानित व्यक्ति घर परिवार में रखना पसंद ही नहीं करता हैं।
एक तरफ लघु, मध्यम समाचार पत्रों में विज्ञापनों की कटौती और जीएसटी के साथ नए-नए नियमों का भार समाचार प्रकाशकों के लिए मुसीबत का केंद्र बनता जा रहा है और समाचार पत्रों के अस्तिव को बचाये रखने का संकट बढ़ता जा रहा है वही विगत कुछ वर्षों में पत्रकारिता के अश्लील शब्दों के जनक के रूप में उभरे अनूप गुप्ता द्वारा अपने रहने के लिये लखनऊ में विला और समाचार पत्र का किला जैसा कार्यालय बनाकर लाखों की छपाई मशीन स्थापित की गयी है, उसको देखकर उत्साही युवा वर्ग अश्लील पत्रकारिता के इस मार्ग पर न चलने लगे इसके लिये समस्त पत्रकार जनों को एक मंच पर आकर ऐसी पत्रकारिता का विरोध दर्ज कराना होगा।
उत्तर प्रदेश के अनेक सामाजिक संगठनों एवं पत्रकारों द्वारा योगी सरकार के अधीनस्थ कार्यरत *अल्प संख्यक आयोग का इस्तेमाल कमाई बढ़ाने के लिए एक हथियार के रुप में किया जाना* एवं विधानसभा प्रेस रूम में आने वाली सम्मानित, प्रतिष्ठित महिला पत्रकारों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी कर महिला पत्रकारों की तस्वीरें वायरल करने और *सूचना विभाग की महिला कर्मचारियों की तस्वीरें लगाकर उनपर अनर्गल, अमर्यादित और तस्वीरें वायरल करने* का समाचार अनूप गुप्ता द्वारा प्रकाशित करने के संबंध में उच्च स्तरीय जांच की मांग की गयी है एवं जिन *वरिष्ठ पत्रकारों को कुत्ता जैसे शब्दों से संबोधित* किया गया है उनकी सूचना एवं साक्ष्यों की गम्भीरता से जांच कराये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है, जिस पर सम्भवतः उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पुलिस के विशेष जांच दल से जांच कराई जाएगी ताकि खबरो की सत्यता और लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच हो सकें।