सिपाही को रौंदने वाले चालक को सात साल की कैद
उन्नाव ।
असोहा थाना क्षेत्र के कालूखेड़ा में 10 मई 2011 को वाहन चेकिंग के लिए लगाये गये बैरियर को तोड़ते हुए सिपाही को पिकअप चालक ने रौंद दिया था। जिसमें सिपाही की उपचार के दौरान ट्रामा सेंटर लखनऊ में मौत हो गई थी। घटना के 11 साल बाद सोमवार को मुकदमे की सुनवाई अपर जिला जज फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) प्रथम में पूरी हुई। न्यायाधीश ने आरोपित चालक को दोषी करार देते हुए सात साल की कैद और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि उसके साथी को साक्ष्य न मिलने के कारण बरी कर दिया है।
10 मई 2011 की रात कालूखेड़ा चौकी में तैनात आरक्षी राजेंद्र प्रसाद पांडेय व राजेंद्र सिंह गश्त पर थे। रात 12 बजे उन्हें असोहा थाना की तरफ से एक संदिग्ध पिकअप डाला कालूखेड़ा की तरफ आने की सूचना मिली। इस पर दोनों आरक्षियों ने पिकअप को रोकने के लिए सड़क के बीचों बीच लकड़ी की बेंच को बैरियर के रूप में रखकर लगा दिया और दोनों आरक्षी डंडा लेकर खड़े हो गये और टार्च लगा कर गाड़ी रोकने का इशारा किया।
लेकिन, तेजी से आ रहे पिकअप चालक ने गाड़ी रोकने की जगह बेंच में जोरदार टक्कर मारी। इससे पास खड़ा आरक्षी राजेंद्र सिंह गंभीर घायल हो गया।
इसके बाद पिकअप चालक मौके से गाड़ी लेकर भाग निकला। राजेंद्र को ट्रामा सेंटर लखनऊ में भर्ती कराया गया। जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए विवेचक शुरू की और साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त अजय कुमार उर्फ लाला मिश्रा, छोटे लाल चौधरी, हुसैनी तथा लुकानी के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान हुसैनी व लुकानी की मौत हो गई।
अपर जिला जज एफटीसी प्रथम अवधेश कुमार के न्यायालय में अंतिम सुनवाई हुई। जहां अभियोजन से सहायक शासकीय अधिवक्ता अजय कुशवाहा की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने आरोपित अजय कुमार उर्फ लाल मिश्रा को दोषी करार देते हुए सात वर्ष के कठोर करावास व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
