1.15 लाख का नहीं बन सका गोल्डन कार्ड
बलरामपुर।
वर्ष 2011 की आर्थिक जनगणना में गलत नाम अंकित होने के कारण जिले के एक लाख 15 हजार लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड नहीं बन सका है। ऐसे में लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। वैसे विभाग ने अब डोर-टू-डोर सर्वे का काम शुरू किया है।
एक अप्रैल 2018 से मरीजों के लिए आयुष्मान योजना लागू है। इसमें वर्ष 2011 की आर्थिक जनगणना में शामिल गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। योजना में जिले के 164648 परिवारों के सात लाख 30 हजार 824 लोगों का गोल्डन कार्ड बनाया जाना है। अब तक 2 लाख 48 हजार 570 लाभार्थियों का ही गोल्डन कार्ड बन सका है।
विभागीय कर्मचारी बताते हैं कि सूची में शामिल करीब 32 हजार परिवारों के एक लाख 15 हजार लाभार्थियों का गलत नाम व पता सूची में दर्ज है। इसके चलते उनका गोल्डन कार्ड नहीं बन पा रहा है।
मरीजों को नहीं मिल रहा उपचार
उतरौला निवासी रिजवान की किडनी काम नहीं कर रही है। उनके बेटे सरफराज ने बताया कि लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज कराने गए थे। वहां स्टॉफ ने सूची में नाम गलत होने की बात कहकर वापस लौटा दिया। नाम ठीक कराने के लिए कई दिनों से विभाग का चक्कर काट रहे हैं। भगवतीगंज निवासी राम कुमार ने बताया कि दुर्घटना में पैर की हड्डी टूट गई है। उसका ऑपरेशन कराना है लेकिन सूची में नाम गलत होने के कारण मुफ्त ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है।
लाभार्थियों का कराया जा रहा सत्यापन
नोडल अधिकारी डॉ. बीबी सिंह ने बताया कि गोल्डन कार्ड बनाने के लिए टीमें लगातार काम कर रहीं हैं। इसके बाद भी गोल्डन कार्ड की संख्या अपेक्षित रूप से नहीं बढ़ पा रही है। लाभार्थियों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए आशा के माध्यम से घर-घर सर्वे कराया जा रहा है।
सभी को मिल रहा मुफ्त उपचार
गोल्डन कार्ड बनाने में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए घर-घर सर्वे कराया जा रहा है। कार्यालय में शिकायत करने वाले 12 मरीजों का नाम संशोधित कराने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। हमारा प्रयास है कि सूची में शामिल सभी मरीजों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिले।
