प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया
बलरामपुर।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की तरफ से भारतीय समन्वित क्षमता फसल अनुसंधान कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। भारत-नेपाल के सीमावर्ती गांवों में आयोजित शिविर में किसानों को आधुनिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। 100 किसानों को कृषि यंत्र वितरित करते हुए उन्हें पोषण तत्वों से भरपूर फसलों का उत्पादन करने के लिए प्रेरित भी किया गया।
भारत-नेपाल के सीमावर्ती गांव सोनगढ़ा, मोहकमपुर व रतनपुर में शुक्रवार को आयोजित प्रशिक्षण शिविर में कल्लूराम चौधरी, खेम सिंह राणा, राघवराम थारू, सुमिता चौधरी, मधुबाला, अंजनी, लहरिया, संदीप सिंह व पुजारी सहित तमाम किसानों ने भाग लिया। शिविर में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के डॉ. एससी विमल ने किसानों को बताया कि क्षमता-1 फसल मानव आहार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्षमता-1 फसल में रामदाना, बाकला, बिग विन व काकोड़ा आदि पौधे आते हैं, जो सब्जी व दाल के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। इनमें प्रोटीन, अमीनो एसिड व खनिज लवण आदि पोषण तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र पचपेड़वा के वैज्ञानिक डॉ. जयप्रकाश ने बताया कि सब्जी व दालों की फसल का उत्पादन करके किसान अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार खाद-बीज व आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता के लिए आर्थिक सहयोग भी प्रदान करेगी। थारू समाज कल्याण समिति के महासचिव पल्टूराम थ्रारू ने बताया कि इन फसलों के उत्पादन में यदि कोई समस्या आती है, तो उनकी समस्या दूर कराई जाएगी। इस अवसर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 100 किसानों को विश्वविद्यालय की तरफ से स्प्रे मशीन, बीज रखने वाला डिब्बा, हजारा, फावड़ा, बीज जमाव ट्रे व नोट पैड आदि का वितरण भी किया गया।
