जीवन जीने की कला सीखे मुरलीधर से
आईना द्वारा आयोजित भंडारे का मुरलीधर आहूजा के कर कमलो से हुआ शुभारंभ, हज़ारों लोगों ने ग्रहण किया प्रसाद।
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुरलीधर आहूजा सिर्फ एक नाम ही नहीं है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जिंदगी खूबसूरती से जीने और एक मुकाम हासिल करने की पूरी इनसाइक्लोपीडिया है।
जिंदगी में जितनी भी कठिनाइयां आए लेकिन अपनी व्यापक सोच और व्यवहार कुशलता से मुरलीधर आहूजा ने मैनेजमेंट गुरु के रूप में न सिर्फ एक सफल व्यवसायी बल्कि एक अच्छे विद्वान, प्रतिष्ठित समाजसेवक, मार्गदर्शक और प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब के संरक्षण के प्रति एक नया अध्याय लिखा है जो आने वाली पीढ़ियों को सफल क़ामयाब व्यक्तित्व का आईना दिखायेगा।
ऑल इंडिया न्यूज़पेपर एसोसिएशन, आईना द्वारा विगत 18 वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वाहन करते हुए ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल के अवसर पर भंडारे के आयेजन के मौके पर मुरली धर आहूजा जी ने स्वयं पधार कर न सिर्फ भंडारे की व्यवस्था का निरीक्षण किया बल्कि विशेष रूप से आमंत्रित हनुमानगढ़ी के प्रेम मूर्ति कृष्णकांत दास जी, पूर्व सांसद रीता बहगुणा जोशी एवं आईना परिवार के सदस्यों द्वारा पूजा अर्चना और मंत्रोच्चारण से भक्तगणों को भक्ति भाव की सरस गंगा प्रवाह से वातावरण को भक्तिमय कर दिया गया। भंडारे में मौजूद भक्तों ने हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे में पूड़ी, सब्जी, बूंदी, तहरी, शरबत, आम का पना, छाछ, मट्ठा वितरित हुआ।
मुरलीधर आहूजा जैसे व्यक्तित्व के लोग बहुत कम ही मिलते हैं जो सबके जीवन में प्रकाश भरने का कार्य करते हैं। इतने बड़े पद पर होने के बाद भी उनके व्यवहार में कभी कोई गुरूर नहीं दिखयी देता बल्कि समाज के हर तबके के लोगों के लिए उनके दिल।मे समर्पण की भावना और सहायता करने का जज़्बा उनके व्यक्तित्व को निखारता है। अपने पारिवारिक, व्यवसायिक दायित्व निभाने के बाद जिस तरह मुरलीधर आहूजा सामाजिक गतिविधियों में अपना योगदान देते हैं उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं और उनकी पूरी जीवन गाथा सफलता के शिखर को पाने में प्रयासरत भटकती युवा पीढ़ी को आईना दिखाने के लिए पर्याप्त है ।