अब बेसन और सौंफ में भी मिलावट का सिंथेटिक कलर
लाखीमपुर खीरी।
व्यापारियों को नोटिस जारी, एसीजेएम कोर्ट में चलेगा मुकदमा
लखीमपुर खीरी। खीरी वासियों की सेहत खतरे में है, क्योंकि खाद्य पदार्थों में सिंथेटिक कलर (अखाद्य रंग) की मिलावट की जा रही है। यह सिंथेटिक कलर ऐसे हैं, जिन्हें सिर्फ इंडस्ट्री में प्रयोग किया जाता है। इसलिए यह कलर खाने योग्य बिल्कुल भी नहीं हैं।
अब से कुछ दिन पहले अरहर की दाल में सिंथेटिक कलर (ट्राटाजिन) की मिलावट पाई गई थी। अब बेसन और साबुत सौंफ में भी सिंथेटिक कलर की मिलावट पाई गई है। हाथी ब्रांड के नाम से बेचे जाने वाले बेसन में सिंथेटिक कलर के अलावा बेसन भी अधोमानक पाया गया है। लिहाजा एफएसडीए ने इस मामले में निघासन व नकहा क्षेत्र के दो व्यापारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके बाद एसीजेएम कोर्ट में मुकदमा दायर किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी कुलदीप दीक्षित ने 30 जून 2021 को खाद्य पदार्थों की सैंपलिंग के दौरान निघासन क्षेत्र के गांव कढिया डांगा में एक किराना दुकान से हाथी ब्रांड बेसन का नमूना भरा था, जिसके बाद जांच के लिए उसे लैब भेजा गया। खाद्य विश्लेषक ने जांच में बेसन को पीला रंग का बनाने वाले सिंथेटिक कलर (मैटेनिल यलो) की मिलावट पाई, जो सिर्फ इंडस्ट्री में प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से पेट संबंधी बीमारियों के अलावा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां जन्म ले सकती हैं। इस बेसन में सिंथेटिक कलर के अलावा मिथ्याछाप व अधोमानक की भी शिकायत मिली है। इसलिए खाद्य विश्लेषक ने इस बेसन को मानव स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित बताया है। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा अधिकारी विवेक वर्मा ने 19 अगस्त 2021 को नकहा में एक किराना दुकान से साबुत सौंफ का नमूना भरा था, जिसमें भी सिंथेटिक कलर की मिलावट पाई गई है।
अभिहित अधिकारी कौशलेंद्र शर्मा ने बताया कि सौंफ को हरा रंग देने के लिए सिंथेटिक कलर की मिलावट की गई है, जिससे इस सौंफ को भी असुरक्षित करार दिया गया है। बताते चलें कि कुछ दिन पहले आई रिपोर्ट में नीमगांव और मितौली की किराना दुकानों से भरे गए अरहर दाल के नमूनों में सिंथेटिक कलर (टाट्राजिन) की मिलावट पाई गई थी, जिससे दोनों दुकानदारों को नोटिस जारी करने के बाद एसीजेएम कोर्ट में मुकदमा दायर करने के लिए तैयारी चल रही है।
बेेसन और साबुत सौंफ के नमूने जांच के लिए लैब भेजे गए थे, जहां से प्राप्त रिपोर्ट में दोनों नमूने असुरक्षित बताए गए हैं। इनमें सिंथेटिक कलर की मिलावट पाई गई है, जो सिर्फ इंडस्ट्री में प्रयोग किया जाता है। दोनों दुकानदारों को नोटिस देकर जवाब मांगा है, जिसके बाद एसीजेएम कोर्ट में मुकदमा दायर किया जाएगा।
