उत्तर प्रदेश

पसमांदा मुस्लिम समाज के मसाइल पर चर्चा के साथ अखिलेश यादव से मिले अनीस मंसूरी

लखनऊ।

पसमांदा मुस्लिम समाज का प्रतिनिधि मण्डल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव से मिला और पसमांदा मुस्लिम समाज के मसाइल पर चर्चा के साथ नगर निकाय के चुनाव में पसमांदा मुस्लिम समाज की भागेदारी दिये जाने के साथ पार्टी द्वारा चेयरमैन पद तथा सभासद प्रत्याशी बनाये जाने की सूची भी दी । जनाब अनीस मंसूरी ने अल्पसंख्यकों के साथ सरकार के दुहरे मापदंड अपनाये जाने पर रोष जताया तथा मौलाना आज़ाद फेलोशिप केंद्र सरकार द्वारा बंद किये जाने का विरोध जताते हुए कहा कि इस से दबे, कुचले, पिछड़े, गरीब मुसलमानो के बच्चों उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा सहयोग मिलता था और इस स्कालरशिप के माध्यम से आज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिम समाज के बच्चे काफ़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। मौलाना आज़ाद फेलोशिप बंद हो जाने से पसमांदा तबके के मुसलमानों के क्षात्र क्षात्राओं को उच्चशिक्षा से वंचित होंगे। पिछले 72 वर्षों बाद धारा 341/3 पर लगे धार्मिक प्रतिबंध पर माननीय उच्चतम न्यायलय में केंद्र सरकार ने जो शपथ पत्र दिया है वह दलित मुसलमानो के हित में नहीं है सरकार ने मुसलमानो में दलित समाज होने से इंकार किया है।
एक तरफ भाजपा पसमांदा मुसलमानो की हितैषी होने का राग अलापती है उनको पार्टी से जोड़ने की बात करती है तो दूसरी तरफ उनको अधिकारों से वंचित करने के लिए माननीय उच्चतम न्यायलय में शपथ पत्र देकर डाका डाल रही है।मौलाना आज़ाद फेलोशिप बंद करके अल्पसंख्यक खासकर पसमांदा मुसलमानो को उच्च शिक्षा से वंचित करना चाहती है। अनीस मंसूरी ने सपा के संगठन में पसमांदा मुसलमानो को स्थान दिये जाने की दमदारी से बात रखी जिस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने प्रदेश अध्यक्ष माननीय नरेश उत्तम पटेल जी को संगठन में पसमांदा समाज की भागेदारी सुनश्चित करने का निर्देश दिया। अंत में अनीस मंसूरी ने कहा कि आप से निवेदन है कि आप अपने स्तर से स्कालरशिप की बहाली के लिए प्रयास करें ताकि पसमांदा मुस्लिम समाज के हालात बेहतर हो सकें। प्रतिनिधि मण्डल में अनीस मंसूरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, मोहम्मद वसीम राईनी, प्रदेश अध्यक्ष, इलियास मंसूरी, संगठन मंत्री मोहम्मद आरिश राईनी, प्रदेश प्रवक्ता खुर्शीद आलम सलमानी, मण्डल अध्यक्ष लखनऊ, इस अवसर पर
सतेंद्र सिंह, राम यादव,वाजिद सलमानी, भाई सिराज मंसूरी, मौजूद थे।

ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञानचंद।

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