पार्क में खुला मौत का दरवाज़ा, सफाई टैंक में गिरने से 8 साल के मासूम रितेश की दर्दनाक मौत
लखनऊ
गुडंबा थाना क्षेत्र के अंतर्गत खत्री चौकी इलाके में स्थित गायत्रीपुरम सरोवर वाटिका पार्क में हुई एक लापरवाही ने मासूम की जान ले ली।
आज शाम लगभग 6 बजे, अभिनव इंटर कॉलेज के बगल स्थित पार्क में 8 वर्षीय रितेश खेलते-खेलते खुले सफाई टैंक के चेंबर में गिर गया। घटना के समय आसपास कोई मौजूद नहीं था। कुछ समय बाद जब स्थानीय लोगों को शोरगुल सुनाई दिया, तो वे दौड़कर मौके पर पहुंचे और देखा कि बच्चा चेंबर में गिरा पड़ा है।स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचना दी गई। मौके पर पहुंचे गुडंबा थाना प्रभारी प्रभातेश कुमार श्रीवास्तव और खत्री चौकी दीवान अवधेश कुमार ने बिना वक्त गंवाए रेस्क्यू टीम के पहुंचने से पहले ही पुलिस विभाग के जांबाज़ दीवान अवधेश कुमार ने अपनी जान की परवाह किए बिना बच्चे के शव को बाहर निकाला, जो कि अपने आप में एक साहसिक कार्य था।
हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रितेश की मौत हो चुकी थी। 7:00 बच्चे को सफाई टैंक के चेंबर से बाहर निकालगया रितेश के पिता विजय कुमार, जो कि बिहार के शिवहर ज़िले के श्यामपुर भटहा थाना क्षेत्र के नया गांव भोरहा हाजी टोला के रहने वाले हैं, रोजी – रोटी की तलाश में बाहर गए थे। लखनऊ के आदिल नगर पूजा प्रति मार्केट में वे अपनी पत्नी कुमकुम देवी और चार बच्चों के साथ रहते थे। रितेश बच्चे का यूं अचानक चला जाना पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल गया है। हर चेहरा ग़मगीन है और दिलों में एक खालीपन सा छा गया है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि पीड़ित परिवार को तत्काल प्रभाव से आर्थिक सहायता दी जाए। नगर निगम द्वारा मुआवज़े की मांग, क्योंकि यह घटना नगर निगम की लापरवाही का परिणाम है।
सवाल ये उठता है कि क्या प्रशासन खुद आगे बढ़कर इस दुखी परिवार को राहत देगा, या फिर ये परिवार भी फाइलों में दबकर गुम हो जाएगा?
स्थानीय लोगों ने बताया कि पहले पार्क में एक माली और एक गार्ड की नियुक्ति थी, लेकिन अब ना तो माली है, ना ही गार्ड। जहाँ पहले गार्ड रूम था, वहाँ अब पार्षद का कार्यालय बना दिया गया है। यह बदलाव भी कई सवाल खड़े करता है।
इतने बड़े और व्यस्त पार्क में जहां रोज़ हजारों लोग आते हैं, वहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था ना होना प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। क्या नगर निगम की जिम्मेदारियां सिर्फ कागजों पर पूरी होती हैं?क्या नगर आयुक्त और जोनल अधिकारी सिर्फ उद्घाटन समारोहों के लिए ही आते हैं?
एक खुले चेंबर से अगर मासूम की जान जा सकती है, तो क्या ये सीधे तौर पर प्रशासनिक हत्या नहीं है?
घटना के बाद से इलाके में मातम पसरा हुआ है। लोगों के मन में डर बैठ गया है कि कहीं अगला शिकार उनका बच्चा न हो। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि पार्क में सुरक्षा गार्ड की तुरंत तैनाती की जाए और ऐसे खुले चेंबरों को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।
