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योगी मंत्रिमंडल का विस्तार: एक कैबिनेट और छह राज्य मंत्री शामिल, पांच महीने की मशक्कत के बाद चुने गए ये सात चेहरे

योगी आदित्यनाथ ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी टीम में क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखा है। मंत्रिमंडल विस्तार में पश्चिमी यूपी के शाहजहांपुर, आगरा, मेरठ और बरेली से एक-एक मंत्री बनाया गया है। जबकि पूर्वांचल के गाजीपुर, सोनभद्र और अवध के बलरामपुर से एक मंत्री बनाया गया है।

लखनऊ।

योगी आदित्यनाथ ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी टीम में क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखा है। मंत्रिमंडल विस्तार में पश्चिमी यूपी के शाहजहांपुर, आगरा, मेरठ और बरेली से एक-एक मंत्री बनाया गया है। जबकि पूर्वांचल के गाजीपुर, सोनभद्र और अवध के बलरामपुर से एक मंत्री बनाया गया है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का बहुप्रतिक्षित मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार रविवार शाम हो गया। योगी मंत्रिमंडल में एक कैबिनेट मंत्री और छह राज्य मंत्रियों के रूप में सात नए चेहरों को शामिल किया गया है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। बलरामपुर के विधायक पलटूराम, सोनभद्र के ओबरा से विधायक संजीव सिंह उर्फ संजय गोंड, गाजीपुर विधायक संगीता बिंद, मेरठ से विधायक दिनेश खटीक, आगरा से विधायक धर्मवीर प्रजापति और बरेली के बहेड़ी से विधायक छत्रपाल गंगवार को राज्यमंत्री के रूप शपथ ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने विधानसभा चुनाव-2022 में मिशन 350 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विधान परिषद में सदस्यों के मनोनयन से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार में अति पिछड़े, अति दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक समीकरण को साधा है।

प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद से ही योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें शुरू हो गई थीं। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कई बार बैठकों का दौर चला। 23 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर हुई भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति बनी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के रविवार को लखनऊ लौटने के बाद शाम को मंत्रिमंडल विस्तार का कार्यक्रम तय हो गया। रविवार शाम छह बजे राजभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह की मौजूदगी में  आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने एक कैबिनेट और छह राज्यमंत्रियों को शपथ ग्रहण कराई। मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक समरसता और संतुलन का खास ध्यान रखा गया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के एक दिन बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में दीनदयाल के अंत्योदय के सपनों को साकार करते हुए खटीक, बिंद, प्रजापति जैसे अति पिछड़े और अति दलित वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया गया है जिन्हें कभी अवसर नहीं मिला था।

क्षेत्रीय संतुलन बनाया
योगी आदित्यनाथ ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी टीम में क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखा है। मंत्रिमंडल विस्तार में पश्चिमी यूपी के शाहजहांपुर, आगरा, मेरठ और बरेली से एक-एक मंत्री बनाया गया है। जबकि पूर्वांचल के गाजीपुर, सोनभद्र और अवध के बलरामपुर से एक मंत्री बनाया गया है।

60 मंत्रियों की संख्या पूरी
प्रदेश सरकार के रविवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्रिमंडल के 60 सदस्यों की संख्या पूरी हो गई। योगी सरकार में अब 24 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, 27 राज्यमंत्री हैं।

22 अगस्त को हुआ था पहला विस्तार
योगी सरकार में मंत्रिमंडल का पहला विस्तार 22 अगस्त 2019 को हुआ था। उसय समय मंत्रिमंडल की सदस्य संख्या 56 हुई थीं। उसमें 25 कैबिनेट, 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री थे। लेकिन बीते डेढ़ वर्ष में कोरोना संक्रमण से कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान, कमला रानी वरुण और राज्यमंत्री विजय कश्यप का निधन होने से तीन पद खाली हो गए थे।

मंत्रिमंडल में चार महिला बरकरार
योगी मंत्रिमंडल में चार महिला मंत्रियों की संख्या बरकरार रखी गई है। दिवंगत कमला रानी वरुण के निधन के बाद गाजीपुर विधायक डॉ. संगीता बलवंद बिंद को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। नीमिला कटियार, स्वाति सिंह और गुलाबदेवी पहले से मंत्रिमंडल में शामिल हैं।

नए मंत्रियों की प्रोफाइल

जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद मूलत: कांग्रेस पृष्ठभूमि से रहे हैं। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद भी केंद्र सरकार में मंत्री रहे और प्रदेश में कांग्रेस के ब्राह्मण चेहरे माने जाते थे। 2001 में युवक कांग्रेस की राजनीति से सियासी कॅरिअर की शुरुआत करने वाले जितिन युवक कांग्रेस के महासचिव भी रहे। वे 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। 2009 में धौरहरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद यूपीए सरकार में सड़क परिवहन राज्यमंत्री, पेट्रोलियम मंत्री और मानव संसाधन मंत्री रहे। जितिन पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के प्रभारी भी रहे हैं। जितिन ने इसी वर्ष 9 जून को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

छत्रपाल गंगवार
बरेली के बहेड़ी निवासी छत्रपाल गंगवार कुर्मी जाति से हैं। अर्थशास्त्र में एमए छत्रपाल 1979 से 2009 तक इंटर कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता रहे। वे 1985 से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में 1987 तक आरएसएस के जिला प्रचारक और 1993 तक विभाग शारीरिक प्रमुख रहे। 2002 विधानसभा चुनाव में बहेड़ी से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। 2007 में पहली बार वे बहेड़ी से विधायक चुने गए। 2012 में 18 वोटों से चुनाव हार गए और 2017 में फिर बहेड़ी से विधायक चुने गए।

पलटूराम
गोंडा के रहने वाले पलटूराम ने एमए तक शिक्षा अर्जित की है। छात्र राजनीति से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले पलटूराम को कैसरगंज के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है। खटीक जाति के पलटूराम गोंडा में जिला पंचायत के उपाध्यक्ष व जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहे हैं। उनकी पत्नी ज्ञानवती भी गोंडा से जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं।


धर्मवीर प्रजापति
धर्मवीर प्रजापति मूलरूप से हाथरस के निवासी है। धर्मवीर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी रहे। भाजपा के ओबीसी मोर्चा से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले धर्मवीर को 2002 में ओबीसी मोर्चा का प्रदेश महामंत्री बनाया गया। धर्मवीर दो बार भाजपा के प्रदेश मंत्री रहे। 2019 में उन्हें माटीकला बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। जनवरी 2021 में प्रजापति को विधान परिषद सदस्य मनोनीत किया गया था।

दिनेश खटीक
44 वर्षीय दिनेश खटीक मेरठ के रहने वाले हैं। 2017 में वे पहली बार मेरठ के हस्तिनापुर से विधायक चुने गए। आरएसएस से जुड़े रहे दिनेश के पिता भी स्वयं सेवक में रहे है। 2007 में उन्हें पहली भाजपा का जिला मंत्री और 2013 में जिला महामंत्री बनाया गया। उनके छोटे भाई जिला पंचायत सदस्य हैं। उनका ईंट-भट्टे का व्यवसाय है।


संजीव कुमार
सोनभद्र के रहने वाले संजीव कुमार गोंड ओबरा कॉलेज से स्नातक हैं। 2017 में वे पहली बार ओबरा से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए। संजीव के दादा रघुनाथ प्रसाद लगातार 35 साल तक ग्राम प्रधान रहे हैं। संजीव योगी मंत्रिमंडल में पहले अनुसूचित जनजाति के मंत्री हैं। वे वनाधिकार समिति के भी अध्यक्ष रहे हैं। संजीव की पत्नी लीलादेवी ब्लॉक प्रमुख हैं।

डॉ. संगीता बलवंत
गाजीपुर सदर से विधायक डॉ. संगीता बलवंत मूलत: छात्र राजनीति से जुड़ी रहीं है। संगीता महिला एवं बाल विकास समिति की सभापति भी रह चुकी हैं। वे जिला पंचायत सदस्य रही हैं। बाल साहित्य पर उनकी कई पुस्तकें हैं। संगीता को हिंदी संस्थान की तरफ से सूर सम्मान, दलित साहित्य अकादमी की ओर से वीरांगना सावित्री बाई फुले अवॉर्ड के अलावा काव्य श्री, उप्र साहित्य परिषद द्वारा इंदू भूषण शर्मा नीटू पुरस्कार तथा कबीर सम्मान मिल चुके हैं। एमआईटी भारतीय छात्र संसद द्वारा आदर्श युवा विधायक 2020 से भी उन्हें नवाजा जा चुका है। वे एलएलबी, बीएड तथा पीएचडी कर चुकी हैं।

सहयोगी दलों को नहीं मिली जगह

योगी मंत्रिमंडल के विस्तार में भाजपा ने अपने सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को जगह नहीं दी है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2022 अपना दल और निषाद पार्टी के गठबंधन के साथ लड़ने का एलान किया है। रविवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार में अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल को मंत्री बनाए जाने की अटकलें थी। अपना दल की ओर से आशीष को मंत्री बनाए जाने की मांग भी की जा रही थी। वहीं निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को विधान परिषद में सदस्य मनोनीत तो कराया गया है, लेकिन मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी है। हालांकि अपना दल की अनुप्रिया पटेल को केंद्र सरकार मेें राज्यमंत्री बनाया गया है।
ब्यूरो रिपोर्ट- अरविंद मिश्रा।
ब्यूरो रिपोर्ट- अरविंद मिश्रा।
ब्यूरो रिपोर्ट- अरविंद मिश्रा।

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