आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई
बलरामपुर।
न्यायालय ने युवक की हत्या के मामले में पिता व उसके तीन पुत्रों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सभी पर 38-38 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
विशेष अभियोजन अधिकारी एससी/एसटी एक्ट रणधीर सिंह ने बताया कि 23 मई 2007 को उतरौला कोतवाली में शिवपूजन ने तहरीर दी थी। इसमें बताया था उसके छोटे भाई पवन को आर्यनगर निवासी अकील खान व उसके तीन पुत्रों हबीब, उमर व महबूब ने पीटकर घायल कर दिया। मोहल्ले के ही नरेंद्र मिश्र ने घटना के बाद आरोपियों के भागने में मदद की थी। अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने पवन को मृत घोषित कर दिया था।
पुुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करके पांचों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। सत्र परीक्षण के दौरान सरकारी अधिवक्ता विजय आर्या ने सात गवाह न्यायालय में हाजिर कर बयान कराए।
विशेष सत्र न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट विनोद कुमार ने अकील खान व उसके तीनों पुत्र हबीब, उमर एवं महबूब को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश चारों को 38-38 हजार रुपये अर्थदंड भी अदा करने का आदेश दिया है। अर्थदंड अदा न करने पर दोषियों को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। न्यायाधीश ने साक्ष्यों के अभाव में नरेंद्र कुमार मिश्र को बरी कर दिया है।
