पीएनबी में लॉकर डकैती, पांच से छह लॉकर तोड़ने की बात आई सामने
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पंजाब नेशनल बैंक की निराला नगर शाखा में भी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया जैसा ही मामला सामने आ सकता है। दरअसल, लॉकर पीड़ित राजेश मिश्रा ने दावा किया है कि डीसीपी साउथ रवीना त्यागी के सामने बैंक मैनेजर ने नॉन ऑपरेटिंग लॉकरों को तीन साल पहले तुड़वाने की बात कही है। हालांकि मौजूदा बैंक मैनेजर अमनदीप सलूजा फरवरी 2022 से तैनात हैं। जबकि लॉकर इंचार्ज केसी शर्मा 2020 से काम कर रहे हैं।
पीड़ित को शक है कि किसी ने लॉकर तोड़कर लाखों के जेवर गायब कर दिए। वहीं बैंक की ओर से लॉकर तुड़वाने की बात सामने आने के बाद आशंका है कि कुछ केस और निकल सकते हैं। हालांकि बैंक प्रबंधन ने प्रारंभिक जांच में लॉकर से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न होने की बात कही है। जूही बारादेवी निवासी राजेश मिश्रा एक अस्पताल में चीफ अकाउंटेंट हैं। उन्होंने बताया कि 2012 से उनका पीएनबी की निराला नगर शाखा में लॉकर है। लॉकर उनके और उनकी पत्नी शकुंतला मिश्रा के नाम है।
इससे पहले 2016 में लॉकर ऑपरेट किया था। लॉकर में दो हार, माथे की बेंदी, चार कड़े, 5-6 अंगूठियां, दो चेन, कमरबंद आदि थे। इसकी कीमत करीब 15 लाख है। गुरुवार को जब पत्नी के साथ लॉकर से गहने निकालने आए, तो सारा सामान गायब था। उन्होंने बताया कि यहां के लॉकर में लॉक के बाहर एक पत्ती लगी है, जिसमें भी अलग से ताला लगा था। ताले में काफी जंग लगी थी। इसके बाद भी यूं खुल गया जैसे खुला पड़ा था। वहीं बताया कि उनके डॉक्टर बेटे अपूर्व (25) की जनवरी 2022 में मकरसंक्रांति के दिन सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। तब से घर सूना है। अब जमा-पूंजी भी चली गई। उनकी दो शादीशुदा बेटियां हैं।
सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को मामला सामने आने के बाद बिरहाना रोड़ पीएनबी क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य प्रबंधक और एक अन्य अफसर ने लॉकर की जांच-पड़ताल की। हालांकि प्रबंधन को लॉकर से कोई छेड़छाड़ नहीं मिली। मंडल प्रमुख, उपमहाप्रबंधक श्याम सुंदर सिंह ने बताया कि वो अभी दिल्ली में मीटिंग में हैं। मामले में प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि प्रारंभिक जांच में नियमों के अनुसार ही लॉकर संचालित हो रहा है।
56 ग्राहकों ने चेक किए लॉकर
निराला नगर शाखा में पीएनबी प्रबंधन ने टोकन बांटकर ग्राहकों को लॉकर चेक कराए। देर शाम तक 56 ग्राहकों ने लॉकर आपरेट किए। शाखा में कुल 506 लॉकर हैं। 427 लॉकर किराये में पर संचालित हैं, जबकि 78 लॉकर खाली हैं। सभी ग्राहकों के जेवर सुरक्षित थे।
लॉकर न्याय संघर्ष समिति के संयोजक अभिमन्यु गुप्ता ने लॉकर पीड़ित राजेश मिश्रा से उनके मोतीझील स्थित कार्यालय में मुलाकात की। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। साथ् ही, नको न्याय दिलवाने के लिए संघर्ष करने का आश्वासन दिया। इस दौरान बैंक को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है।