बलरामपुर

ग्रीन ट्रिब्यूनल के सदस्य बने डॉ.अफरोज

बलरामपुर।

रिटायर्ड आईएएस अफसर डॉ. अफरोज अहमद को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में (ग्रीन जज) सदस्य बनाया गया है। राष्ट्रीय फलक पर जिले का नाम रोशन करने पर लोगों में खुशी की लहर है।

डॉ. अफरोज अहमद ने मंगलवार को बताया कि उनका जन्म बलरामपुर जिले के मधवाजोत गांव में एक लोदी वंश परिवार में हुआ। प्राथमिक शिक्षा गांव में व जूनियर हाईस्कूल की पढ़ाई रानीजोत में किया। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा एमपीपी इंटर कालेज में पास की।

एमएलके पीजी कालेज से स्नातक, स्नातकोत्तर व डॉक्टरेट की डिग्री हासिल किया। एमएलके महाविद्यालय में वनस्पति विज्ञान व पर्यावरण विभाग में प्रवक्ता के रूप में सेवाएं दी। वर्ष 1987-88 में वह संयुक्त राष्ट्र फेलोशिप पर उच्च शिक्षा के लिए जर्मनी चले गए। वहां से शिक्षा पूरी करने के बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के निमंत्रण पर भारत लौटकर नौकरशाही में प्रवेश किया।

मध्यप्रदेश कैडर का आईएएस अधिकारी नियुक्त किया गया। उनका चयन सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कैबिनेट व गृह सचिव भारत सरकार के कार्मिक सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति ने किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने ग्रीन जज नियुक्त किए जाने के रूप अंतिम मंजूरी दी है। डॉ. अफरोज अहमद ने विश्व प्रसिद्ध पर्यावरण वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, प्रशासक व सिविल सेवक के रूप में योगदान दिया।

वहीं, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, रूस और चेकोस्लोवाकिया में विज्ञान अकादमी, संयुक्त राष्ट्र संगठनों, मंत्रालयों, संस्थानों व विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। संयुक्त राष्ट्र से पहला अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व प्रशिक्षण प्राप्त किया। इंग्लैंड, स्वीडन, चीन व जापान में पर्यावरण संरक्षण व प्रबंधन में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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