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योगी सरकार ने पेयजल संबंधी 90 फीसदी शिकायतों का किया त्वरित निस्तारण

  • मुख्यमंत्री योगी के जनता फर्स्ट मॉडल ने दिखाया जनसेवा का नया मानदंड
  • मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर 38 हजार से अधिक लोगों को मिली राहत
  • वॉटर क्वॉलिटी, पाइप लाइन लीकेज, रोड कटिंग जैसी समस्याओं पर हो रही तुरंत सुनवाई
  • रोड कटिंग की चार हजार शिकायतों का किया गया समाधान
  • जल गुणवत्ता की 400 शिकायतों का निवारण किया गया
  • अनियमित जलापूर्ति की दस हजार से अधिक शिकायतें दूर की गईं
  • पाइप लाइन रिसाव की साढ़े चार हजार शिकायतों को दूर किया गया
  • 18 हजार से अधिक अन्य शिकायतें निपटाई गईं

लखनऊ। योगी सरकार के जनता फर्स्ट मॉडल की बदौलत पेयजल आपूर्ति से जुड़ी जन शिकायतों के निस्तारण में बड़ी उपलब्धि दर्ज की गई है। प्रदेश सरकार ने पेयजल संबंधित समस्याओं पर संवेदनशीलता और तत्परता दिखाते हुए 90 फीसदी शिकायतों का त्वरित समाधान किया है। इस पहल से अब तक 38 हजार से अधिक नागरिकों को बड़ी राहत मिली है।

जल गुणवत्ता, पाइपलाइन लीक, अनियमित जल आपूर्ति और रोड कटिंग जैसी जटिल समस्याओं पर तत्काल संज्ञान लेकर उनका प्राथमिकता के साथ समाधान किया जा रहा है। रोड कटिंग की 4 हजार से अधिक शिकायतों का समाधान किया गया, जबकि जल गुणवत्ता की 400 से अधिक शिकायतें दूर की गईं।

अनियमित जल आपूर्ति की 10,000 से अधिक समस्याओं का निस्तारण
अनियमित जल आपूर्ति की 10,000 से अधिक समस्याओं का निस्तारण कर योगी सरकार ने नया मानक स्थापित किया है। यह योगी सरकार की सुशासन नीति और प्रशासनिक दक्षता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

पाइपलाइन रिसाव की साढ़े चार हजार शिकायतें हल
राज्य के कई इलाकों में पेयजल पाइप लाइनों में लीकेज की शिकायतें प्रमुखता से दूर की गईं। सरकार ने इस पर गंभीरता से कार्य करते हुए 4,500 से अधिक पाइप लाइन रिसाव की समस्याओं को शीघ्र हल किया।

18 हजार अन्य शिकायतों का भी समाधान
इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार की 18 हजार से अधिक शिकायतों को निस्तारित किया गया है। जिसमें जल आपूर्ति की समयबद्धता, जल प्रेशर, कनेक्शन संबंधी समस्याएं शामिल हैं। योगी सरकार का यह अभियान पेयजल प्रबंधन के क्षेत्र में एक मिसाल बनकर सामने आया है, जहां जन शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई और समाधान की नीति से लोगों का भरोसा शासन-प्रशासन में और मजबूत हुआ है।

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