नहीं चाहिए फर्जी सहानुभूति की होर्डिंग बनी चर्चा का विषय
शहर के मुख्य स्थानों पर ‘नहीं चाहिए फर्जी सहानुभूति’ की होर्डिंग लगने से चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। होर्डिंग में 1984 में सिक्खों पर हुए नरसंहार की बात लिखकर जिक्र किया गया है। होर्डिंग लगने से बाजार में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। ये होर्डिंग जिले में नेताओं के दौरे के बाद लगाई गईं हैं, लेकिन किस पार्टी को इशारा किया जा रहा है इस बात का संदेश होर्डिंग में साफ नहीं दिया गया है।
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में बहराइच के दो किसान गुरुविंदर सिंह व दलजीत सिंह की मौत हो गई थी। किसानों की मौत के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव परिजनों से मिलकर सांत्वना देकर उनकी लड़ाई में साथ देने का आश्वासन देकर जा चुके हैं। नेताओं के दौरे के बाद शहर के पानी टंकी, इंदिरा स्टेडियम व अन्य जगहों पर एक होर्डिंग लगाई गई है जिसमें लिखा है, ‘नहीं चाहिए सहानुभूति’। 1984 के सिक्खों के नरसंहार के जिम्मेदार आज सिक्खों के जख्मों पर नमक न डाले। होर्डिंग में दशमेश सेवा सोसायटी के अध्यक्ष सतपाल सिंह मीत का नाम दिया गया है। होर्डिंग लगने से शहर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। नगर मजिस्ट्रेट अनिल कुमार सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच कराकर नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।