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व्यापारियों ने की चार धाम यात्रा को शुरू करने की मांग, बोले- पलायन को हो जाएंगे मजबूर

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Uttarakhand Char Dham Yatra: मसूरी में उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन और मसूरी ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बचाने के साथ चार धाम यात्रा को शुरू करने की मांग की है. उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन उद्योग पर आधारित है. ऐसे में पिछले 2 साल के कोरोना काल में पर्यटन उद्योग बुरी तरीके से प्रभावित हो गया है. सरकार की तरफ से पर्यटन उद्योग को पटरी पर लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं. पर्यटन उद्योग से जुड़े छोटे-बड़े व्यापारी काफी परेशान हैं. 

व्यापारी कर रहे हैं आंदोलन
संदीप साहनी ने कहा कि प्रदेश में कई जगहों पर व्यापारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहे हैं परंतु सरकार को इससे कुछ लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग के लिए काफी मायने रखती है. ऐसे में जब अन्य प्रदेशों में पर्यटन उद्योग को खोल दिया गया है तो इसे उत्तराखंड में क्यों नहीं खोला जा रहा है. 

सरकार कदम क्यों नहीं उठा रही है
उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि चार धाम यात्रा के चलने से छोटे से लेकर बड़े व्यापारी को लाभ मिलता है. वहीं, उत्तराखंड में पर्यटन उद्योग ही सरकार को 35 प्रतिशत जीडीपी देता है, तो ऐसे में सरकार इस महत्वपूर्ण उद्योग को बचाने के लिए कदम क्यों नहीं उठा रही है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए तो उत्तराखंड से पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग पलायन करने का मजबूर हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि कोविड काल में प्रदेश में हजारों की सख्या में प्रवासियों ने प्रदेश का रूख किया था लेकिन सरकार ने उनको रोजगार के साधन नहीं दिए. एक बार फिर प्रदेश में पलायन तेज गति से शुरू हो गया है. 

सरकार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए
संदीप साहनी ने कहा कि कहा कि सरकार की तरफ से घोषणाएं तो की जा रही हैं परंतु जमीनी स्तर पर कुछ नजर नहीं आ रहा है. अभी तक होटल और रेस्टोरेंट उद्योग से जुड़े लोगों को किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं दिया गया है, जिससे लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है. उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सभी होटल और रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को सरकार से 6 महीने की तनख्वाह देने की मांग की गई थी लेकिन सरकार ने इस दिशा में भी कोई काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर चार धाम की यात्रा को उच्च न्यायालय की तरफ से रोका गया है तो इसको लेकर सरकार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए. 

सरकार निर्णय लेने में असफल है
मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि सरकार निर्णय लेने में असफल है. उन्होंने कहा कि सरकार बिना सोचे समझे निर्णय ले लेती है, जिसको कुछ समय बाद बदला जाता है. ऐसे में इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से व्यापारियों के हित में अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है. प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लोगों को काफी उम्मीद थी वो भी अनुभवहीन मुख्यमंत्री साबित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर जल्द सरकार चार धाम यात्रा को खोलने के साथ व्यापारी और पर्यटन उद्योग से जुड़े सभी छोटे-मोटे व्यापारियों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाती है तो राज्य का समस्त व्यापारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगा.

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