बलरामपुर

भाइयों की मौत से हर किसी की आंख नम

गैड़ासबुजुर्ग थाना क्षेत्र का हरकिशना गांव मंगलवार को शोक में डूब गया। सगे भाइयों की मौत से हर किसी की आंखें नम थीं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। आसपास के लोग एक-दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे। सब बस यही कह रहे थे कि यह क्या हो गया।

हरकिशना गांव निवासी असलम (35) की रविवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। बड़े भाई के जनाजे को कंधा देने के लिए हैदराबाद में नौकरी कर रहा छोटा भाई कलीम (32) सोमवार को लखनऊ पहुंचा। वहां से प्राइवेट गाड़ी लेकर कलीम गांव के लिए रवाना हुआ। रास्ते में बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र में हुई सड़क दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल ले जाते समय कलीम की मौत हो गई। मंगलवार को कलीम का शव गांव पहुंचा, तो कोहराम मच गया। दो दिन में दो भाइयों की मौत से गांव के लोग भी गमजदा हो गए।

हरकिशना गांव निवासी असलम (35) की रविवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। बड़े भाई के जनाजे को कंधा देने के लिए हैदराबाद में नौकरी कर रहा छोटा भाई कलीम (32) सोमवार को लखनऊ पहुंचा। वहां से प्राइवेट गाड़ी लेकर कलीम गांव के लिए रवाना हुआ। रास्ते में बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र में हुई सड़क दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल ले जाते समय कलीम की मौत हो गई। मंगलवार को कलीम का शव गांव पहुंचा, तो कोहराम मच गया। दो दिन में दो भाइयों की मौत से गांव के लोग भी गमजदा हो गए।

कलीम की पत्नी बस यही कह रही थी कि उसके बेटे अनाथ हो गए, अब उन्हें कौन सहारा देगा। छोटे भाई आलम ने बताया कि कलीम का बड़ा बेटा दो साल व छोटा बेटा छह महीने का है। डायलिसिस पर चल रही मां को दोनों बेटों के मौत की जानकारी नहीं दी गई है। बताया कि उसके दो भाई अब्दुल्ला व इस्माइल खाड़ी देश में नौकरी करते हैं। घर पर परिवार की देखरेख करने वाला वह अकेला ही बचा है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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