संस्थागत प्रसव घटा सीएमओ ने नाराजगी जताई
बलरामपुर।
स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी एवं संस्थागत प्रसव में प्रगति के लिए शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय सभागार में समीक्षा बैठक हुई। गैसड़ी में संस्थागत प्रसव में भारी कमी होने पर नाराजगी जताते हुए सीएमओ डॉ. सुशील कुमार ने सीएचसी अधीक्षक को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि कार्यशैली में सुधार किया जाए नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। 22 उपस्वास्थ्य केंद्रों पर एक भी डिलीवरी न होने पर सीएमओ ने चेतावनी दी है कि 20 प्रतिशत से अधिक प्रसव निजी अस्पतालों में होता पाया गया तो संबंधित अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई होगी।
शुक्रवार को समीक्षा बैठक में सबसे कम संस्थागत प्रसव गैसड़ी में पाया गया। सीएचसी गैसड़ी में वर्ष 2020-21 में जहां 1635 डिलीवरी हुई थी, वहीं इस बार मार्च माह तक मात्र 696 प्रसव ही कराए गए हैं। बीसीपीएम अरूण चौधरी से सीएमओ ने पूछा कि संस्थागत प्रसव क्यों घट रहा है तो बताया कि एएनएम द्वारा पैसा मांगने से लोग प्रसव कराने नहीं आ रहे हैं। वह डिलीवरी की सुविधा वाले सब सेंटरों की सही संख्या नहीं बता पाए।
मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता विनोद त्रिपाठी ने बताया कि केवल चार-पांच सब सेंटरों पर ही डिलीवरी हो रही है। सीएमओ ने कहा कि गैसड़ी में पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब एक हजार प्रसव कम हुए हैं। लगातार घट रहे आंकड़े चिंताजनक हैं। उन्होंने अधीक्षक डॉ. वीरेंद्र आर्या को संस्थागत प्रसव बढ़ाने का निर्देश देते हुए चेतावनी दिया कि यदि स्थिति में सुधार न हुआ तो कार्रवाई की जाएगी। रेहरा में एमटीएस आपरेटर की फर्जी रिपोर्टिंग पर नाराजगी जताते हुए सीएमओ ने अधीक्षक डॉ. सुजीत पांडेय को चेतावनी पत्र जारी करने का निर्देश दिया।
इसके अलावा पचपेड़वा के विशुनपुर व रेहरौला व गैसड़ी के परसा मनकौरा काशीराम तथा गैड़ास बुजुर्ग के पुरैना बुलंद सहित 22 सब सेंटरों पर एक भी डिलीवरी न होने से नाराज सीएमओ ने अधीक्षकों को चेतावनी दी कि यदि निजी अस्पतालों में 20 प्रतिशत से अधिक प्रसव पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 10 सब सेंटरों पर डिलीवरी शुरू कराने के लिए सीएमओ ने अच्छा कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को पुरस्कृत करने की बात कही। बैठक में एसीएमओ डॉ. बीपी सिंह, डॉ. एके सिंघल, डॉ. एके शुक्ला व डीपीएम शिवेंद्र मणि आदि मौजूद रहे।
