अजब गजब

अजब-गजब: क्या खत्म होने जा रहा ब्रह्मांड? नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा

ब्रह्मांड में न जाने कितने रहस्य छिपे हैं। वैज्ञानिक भी आज तक इन रहस्यों के बारे में पता नहीं लगा पाए हैं। अंतरिक्ष हमेशा से लोगों के लिए जिज्ञासाओं का केंद्र रहा है। अनंत और असीमित ब्रह्मांड में लाखों रहस्य छिपे हैं। विज्ञान का दायरा जैसे-जैसे बढ़ा वैसे-वैसे ब्रह्मांड के रहस्य से भी पर्दा उठता गया है। लेकिन अब एक ऐसी खबर आई है जिसके बारे में जानकर दुनियाभर के वैज्ञानिक हैरान है।

एक नई रिसर्च में खुलासा हुआ कि धीरे-धीरे ब्रह्मांड सिकुड़ सकता है। करीब 1380 करोड़ सालों से ब्रह्मांड फैलता रहा है, लेकिन अब वह उसमें ठहराव आ रहा है। प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल में इस शोध को प्रकाशित किया गया है। तीन वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च में डार्क एनर्जी की प्रकृति की मॉडलिंग करने की कोशिश की है। वैज्ञानिक द्वारा यह मॉडलिंग ब्रह्मांड के फैलाव के बीते ऑब्जर्वेशन के आधार पर की गई है।

बताया जाता है कि रहस्यमयी शक्ति डॉर्क एनर्जी के कारण तेजी से ब्रह्मांड फैल रहा है। मॉडल में डार्क एनर्जी एक ईकाई है जिसको Quintessence कहते हैं और यह समय के साथ खत्म हो सकता है। शोधकर्ताओं को रिसर्स में पता चला है कि डार्क एनर्जी का रेपलेंट फोर्स शायद कमजोर होता जा रहा है।

शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि आने वाले 6.5 करोड़ साल में ब्रह्मांड की गति समाप्त हो सकती है। इसके बाद 10 करोड़ साल में हो सकता है कि ब्रह्मांड पूरी तरह से फैलना बंद कर दे। फिर हो सकता है धीरे-धीरे सिकुड़नने लगे और करोड़ों साल बाद समाप्त हो जाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि फिर समय और अंतरिक्ष का जन्म हो।

प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में प्रिंस्टन सेंटर ऑफ़ थ्योरेटिकल साइंस के निदेशक और इस शोध के को-ऑथर पॉल स्टीनहार्ड ने बताया है कि बहुत तेजी से यह हो सकता है। उनका कहना है कि 6.5 करोड़ साल पहले धरती से चिक्सुलूब एस्टेरॉयड की टक्कर हुई थी जिसने डायनासोर का खात्मा कर दिया था। ब्रह्मांडीय पैमाने पर 6.5 करोड़ साल का समय बेहद छोटा है।

वैज्ञानिकों को 1990 के दशक में पता चल गया था कि तेजी से ब्रह्मांड बढ़ रहा है। आकाशगंगाओं के बीच की दूरी भी तेजी से बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों ने तेजी से बढ़ने वाले इस रहस्यमयी स्त्रोत का नाम डार्क एनर्जी रखा है जो एक अदृश्य इकाई है।

डार्क एनर्जी गुरुत्वाकर्षण के उलट काम करती है और  ब्रह्मांड के सबसे विशाल वस्तुओं को खींचने की जगह उनको दूर धकेलती है। लेकिन डार्क एनर्जी ब्रह्मांड की कुल द्रव्यमान-ऊर्जा के करीब 70 प्रतिशत हिस्से का निर्माण करती है, हालांकि इसके गुण अभी भी रहस्यमयी हैं। अब आने वाले समय में ही पता चल पाएगा कि ब्रह्मांड का अंतहीन विकास होगा या ये तेजी से समाप्त हो जाएगा।

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