गोंडा।
मरीजों को स्थानीय स्तर पर जांच, इलाज व दवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से आयोजित होने वाला मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला खानापूर्ति तक सीमित रह गया। मेले में न तो समय से डॉक्टर पहुंच रहे और न ही मरीज इलाज कराने में दिलचस्पी रखते हैं।
रविवार को जिले के 50 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। दोपहर तक अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा। अधिकारियों के निरीक्षण में मरीज नदारद तथा केंद्र पर गंदगी पसरी मिली। सीएमओ डॉ. राधेश्याम केसरी ने पीएचसी विशुनपुर वैरिया, पड़री कृपाल तथा बाबागंज का निरीक्षण किया। बाबागंज पीएचसी पर मरीजों के न मिलने तथा साफ-सफाई की व्यवस्था संतोषजनक न होने से नाराजगी जताई। सीएमओ के निरीक्षण में प्रसव कक्ष व अन्य स्थानों पर गंदगी फैली मिली। वहां साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।
सीएमओ ने कहा कि आशाओं को निर्देशित करें कि जन आरोग्य मेले को लेकर गांवों में प्रचार-प्रसार करें। जिससे लोगों को मेले में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी हो सके। इस मौके पर डिप्टी सीएमओ डॉ. टीपी जायसवाल, सीएचसी अधीक्षक डॉ. शैलेंद्र सिंह,डॉ. दीक्षा सिंह, डॉ. सुनील पासवान, स्टाफ नर्स अखिलेश शुक्ला ,अखिलेश सिंह, इंद्र कुमार आदि रहे। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलसर के पकड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एपी सिंह ने किया।
यहां भी अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई गई। पीएचसी पर सन्नाटा पसरा रहा। देर तक कोई मरीज नहीं आया। इस पर एसीएमओ ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मेले में मरीजों का न आना यह दर्शाता है कि आरोग्य मेले की खानापूर्ति किया जा रहा है। गांवों में जनआरोग्य मेले के प्रति लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर सीएचसी अधीक्षक सतपाल सोनकर ,गौरीदत्त पांडेय, साधना सिंह, सौरभ तिवारी आदि रहे।
