*टाइगर्स की जान खतरे में, जिम्मेदार कौन?
*कुछ दिनों के अन्दर अपने देश की दुर्लभ प्रजाति "टाइगर्स" में कुछ टाईगर की लगातार मौत,,
परवेज़ अख़्तर
कुछ प्रजातियां विलुप्त न हो जाएं, उसके लिए सरकारी स्तर पर काफ़ी योजनाएं बनाई जाती हैं, जिन पर करोड़ों रुपए खर्च भी किए जाते हैं, टाइगर्स की सुरक्षा के लिए तो कुछ खास प्रबन्ध भी किए गए हैं। उसके बावजूद टाईगर रिज़र्व ((दुधवा पार्क)) में, कुछ दिनों के अन्दर लगातार 4 टाईगर की मौत हो गई है,
जिसको स्वयं प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लिया, जिन्होंने एक मंत्री मण्डल की टीम तथा उच्च अधिकारियों को नेशनल दुधवा पार्क भेजा, साथ ही पत्रकारों की टीम भी रवाना हुई,
कई वरिष्ठ पत्रकारों के अलावा मान्यता प्राप्त पत्रकार के महामंत्री व वहीद भारत टाइम्स के ब्यूरो चीफ़ अब्दुल वहीद, प्रिन्ट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कंट्री ऑफ़ इण्डिया के सम्पादक व वरिष्ठ छायाकार अज़ीज़ सिद्दीकी, वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र खन्ना, कंट्री ऑफ़ इण्डिया के संवादाता प्रिन्ट मीडिया वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव परवेज़ अख़्तर, तथा वरिष्ठ छायाकार शिवम सिंह, भी मौजूद रहे, वहां शासनिक प्रशासनिक अधिकारियों से जानकारी ली गई जिसमें मुख्य रूप से दुधवा टाइगर रिजर्व फील्ड के डायरेक्टर बी.प्रभाकर डिप्टी डायरेक्टर रंगाराव, तथा डीएफओ सुंदरेश से टाईगर की मौत के बारे में तसल्ली बक्स जवाब नहीं मिल पाया! इससे पहले भी डायरेक्टर बी प्रभाकर, तथा डिप्टी डायरेक्टर रंगाराव ने पत्रकारों के फ़ोन को भी रिसीव नहीं किया तथा पूरी तरह इग्नोर किया!
इससे भी साफ़ है कि काफ़ी हद तक उच्च अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई है।
ज़रूरत है इस प्रकरण में शासन स्तर से कोई सख्त कदम उठाने की ताकि दुधवा टाइगर रिज़र्व में टाइगर्स को सुरक्षित किया जा सके।
परवेज़ अख़्तर