लखनऊ

छल कर लोगों से लूट करने वाले अपराधियों का पुलिस ने किया पर्दाफाश

लखनऊ।

अपराधियों द्वारा आए दिन नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को बेवकूफ बनाकर छल कर उनके जेवरात मोबाइल फोन एवं धन लूट का मामला सामने आया है।

बता दे की बीते 5 सितंबर को पुष्पा पाण्डेय पत्नी सुधाकर पाण्डेय निवासिनी जी-187 माधन ग्रीन सिटी लेन नं0 109 (सी) थाना चिनहट लखनऊ द्वारा अज्ञात अभियुक्तों के खिलाफ अपने तहरीर में कहा की बातों में कुछ लोगों द्वारा बातों में उल्झाकर जेवरात व मोबाइल चोरी कर लिया जिसके लिए स्थानीय थाने पर इसके बाबत पंजीकृत मु0अ0सं0-476/2024 धारा 303(2) बी.एन. एस बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया।

तथा ऐसे ही अपराधिक घटनाओं के बाबत 2 दिसंबर को नितेश मोहन पुत्र श्री सुभाषलाल श्रीवास्तव निवासी 1/165 वास्तुखण्ड थाना गोमतीनगर लखनऊ द्वारा दी गयी सूचना अज्ञात अभियुक्तों द्वारा वादी के पिता को बातो में लेकर उलझाकर उनसे उनकी अंगुठी व गले की जंजीर उतरवाकर ले जाने के संबन्ध में मु0अ0सं0- 561/24 धारा-316(2)/318(2) बीएनएस बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया।

दोनों मुकदमों की विवेचना कर रहे उ0नि0 सुनील कुमार मोतला द्वारा उक्त दोनों घटनाओं के सफल अनावरण हेतु उच्चाधिकारीगण द्वारा दिये गये आदेशो/निर्देशों के क्रम में टीम का गठन किया गया। गठित पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज चेक किये गये तथा प्राप्त साक्ष्य एवं वीडियो फुटेज एवं मुखबिर खास की सूचना के आधार पर 8 दिसंबर

को अभियुक्त असलम पुत्र यार मोहम्मद उम्र करीब 41 वर्ष, अकरम पुत्र यार मोहम्मद उम्र करीब 28 वर्ष ,अमजद अहमद पुत्र नसीर उम्र करीब 35 वर्ष निवासीगण कौमी एकता गेट, हुजाजी थाना देवा जनपद बाराबंकी को देवा रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।

इसमें सन्लिप्त अभियुक्तो से कड़ाई से पूछताछ किया गया तो अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि हम लोग इधर-उधर घूमकर बुजुर्ग व महिलाओं को देखकर उन्हें अपनी बातो में उलझाकर धोखा देकर छल की नियत से हमारे बीच से एक व्यक्ति पता पूछने के बहाने अनजान बनकर जाता है उसके बाद हमारे बीच से दूसरा व्यक्ति अनजान बनकर वही आ जाता है तथा उससे भी पता पूछने के बहाने उसे हरिद्वार से आया संत बताकर उसकी पारिवारिक समस्या के बारे में बताते है तो वह व्यक्ति समस्या सही बताता है जिससे दूसरा व्यक्ति झाँसे में आकर अपनी पारिवारिक समस्या बताता है तो उसे पारिवारिक समस्या का डर दिखाकर उसकी समस्याओं का निदान करने की बात कह कर उसे गुरु मंत्र देकर उसके गहने व अन्य सामान ले लेते थे और उसे कहते हैं कि 51-52 कदम सीधे बिना पीछे मुड़कर देखेते हुए चलने को कहते है जैसे ही व्यक्ति आगे बढ़ता है हम लोग इस तरह वहाँ से सामान लेकर गायब हो जाते।

ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञानचंद।
ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञान सिंह।

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