बच्चों को पढ़ाना कोरोना काल में कठिन चुनौती
बलरामपुर।
कोरोना काल में बच्चों को पढ़ाना कठिन चुनौती है। मोहल्ला क्लास व ई-पाठशाला गुलजार करके बच्चों को शिक्षा की मुहिम से जोड़ा जा सकता है। सीमित संसाधनों में ही बच्चों को पढ़ाने की तरकीब निकालनी होगी, तभी उनके भविष्य को संवारा जा सकता है। बीएसए डॉ. रामचंद्र ने मंगलवार को जिला पुस्तकालय सभागार में मिशन प्रेरणा के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शिक्षा की अलख जगाए रखना सबसे बड़ी चुनौती रही है। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ प्रवक्ता डायट वर्चस्वनी जौहरी ने करते हुए 16 बिंदुओं की कार्ययोजना पर समीक्षा की। मिशन प्रेरणा ई-पाठशाला फेज-6 की प्रगति की समीक्षा में साप्ताहिक ई-कंटेंट को साझा करने और दूरदर्शन प्रसारण से बच्चों को मिलने वाले लाभ के बारे में बताया गया। समृद्धि व ध्यानाकर्षण आधारित रेमिडियल शिक्षण प्रगति, तीनों मॉड्यूल, सहज, आधारशिला क्रियान्वयन, प्रिंट रिच पोस्टर, शिक्षक डायरी, टीचिंग प्लान, प्रेरणा तालिका, मोहल्ला क्लास व रीडिंग कैंपेन की गहन समीक्षा की गई। नीति आयोग की वंशिका, डेल फाउंडेशन की सुनैना व श्रद्धा ने बताया कि जिले के 70 कंपोजिट विद्यालयों में टैबलेट से पढ़ाई कराने के बारे में जानकारी दी। बैठक में सभी एसआरजी, एआरपी, डायट मेंटर व बीईओ मौजूद रहे।
