सुधरने का नाम नहीं ले रही जिला महिला अस्पताल की तस्वीर
बलरामपुर।
कदम-कदम पर मरीजों से लूट के लिए मशहूर जिला महिला अस्पताल की तस्वीर सुधरने का नाम नहीं ले रही है। यहां चिकित्सीय परीक्षण को आने वाली दुष्कर्म पीड़िताओं का दर्द उस समय और बढ़ जाता है, जब जांच में प्रयोग होने वाली किट उन्हें बाहर से मंगानी पड़ती है। अस्पताल की पैथोलाजी में करीब दो माह से जरूरी किट उपलब्ध नहीं है, लेकिन जिम्मेदारी उदासीन बने हैं।
यही नहीं, अल्ट्रासाउंड की सुविधा न मिलने से गर्भवती को बाहर निजी केंद्रों पर जांच करानी पड़ती है। यूं तो अल्ट्रासाउंड कक्ष में मशीन लगी है। जिला मेमोरियल अस्पताल के रेडियोलाजिस्ट को संबद्ध किया गया है। फिर भी अक्सर इनके गायब रहने से मरीजों की तड़प बढ़ती जा रही है।
अल्ट्रासाउंड कक्ष खुला था। अंदर बैठे कर्मचारी ने बताया कि जिला मेमोरियल अस्पताल के रेडियोलाजिस्ट डा. शारदा रंजन को यहां संबद्ध किया गया है। मशीन कक्ष के बाहर डाक्टर की सूचना चस्पा थी कि प्रत्येक सप्ताह में चार दिन मुकदमे के लिए सुल्तानपुर जाना होता है। आने-जाने में एक दिन लग जाता है। ऐसे में यहां रखी अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही है।
