महिला अस्पताल में नहीं हुआ फ्री अल्ट्रासाउंड
बलरामपुर ।
मातृ एवं शिशु मृत्युदर कम करने के लिए सरकार गर्भवती की देखभाल व सुरक्षित प्रसव की सुविधा देने के लिए बुधवार को पांच अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन किया गया।
जिला संयुक्त चिकित्सालय, जिला महिला अस्पताल, तुलसीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा व उतरौला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आशा अपने क्षेत्र की गर्भवती को लेकर पहुंची।
क्लीनिक में विशेषज्ञ या एमबीबीएस चिकित्सक के परामर्श के साथ ही गर्भवती को निश्शुल्क रक्त, रक्तचाप, पेशाब व हीमोग्लोबिन की जांच के साथ अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध कराई जानी थी। साथ ही उन्हें जरूरी विटामिन की गोलियां व पोषक आहार दिए जाने थे, लेकिन जिला संयुक्त चिकित्सालय, तुलसीपुर, उतरौला व पचपेड़वा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती को निश्शुल्क जांच सुविधाएं मिली।
महिला अस्पताल में सुबह से पहुंची गर्भवती अल्ट्रासाउंड कराने के लिए इधर-उधर भटकती रहीं, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। दो दिन पहले ही कर दिया था संबद्ध फिर भी नहीं आए डाक्टर : जिला मुख्यालय का अस्पताल होने के कारण यहां महिला मरीजों की संख्या 300 से अधिक रहती है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित क्लीनिक वाले दिन आशाओं द्वारा गर्भवती लाने से मरीजों की संख्या और बढ़ जाती है। इन्हें निश्शुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिले, इसके लिए दो दिन पहले जिलाधिकारी के निर्देश पर मेमोरियल चिकित्सालय से आए रेडियोलाजिस्ट डा. शारदा रंजन को जिला महिला अस्पताल से संबद्ध कर दिया गया था, लेकिन वह अस्पताल नहीं आए।
महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. विनीता राय ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का महत्वपूर्ण आयोजन होने के कारण उन्हें फोन किया गया था।
उन्होंने साफ मना कर दिया कि नहीं आ पाऊंगा। 305 की हुई देखभाल, 32 निकलीं अतिकुपोषित: मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार ने बताया कि पांच अस्पतालों में आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक में 305 गर्भवती की देखभाल की गई। इनमें 32 गर्भवती अतिकुपोषित मिलीं हैं।
सभी अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वह एएनएम व आशा के जरिए अतिकुपोषित गर्भवती की देखभाल कराते हुए उसे सुरक्षित मातृत्व लाभ दिलाएंगे।
