100 साल पुराने श्मशान घाट पर भूमाफियाओं का कब्जा!
प्रशासनिक चुप्पी से मचा बवाल, अब बनी कार्रवाई की टीम – लेकिन पुलिस बल की कमी से कार्रवाई टली
लखनऊ (क्राइम वीक न्यूज़): राजधानी लखनऊ के बक्शी का तालाब तहसील अंतर्गत डिगड़िगा मंजरा गोयला गांव में 100 वर्ष से अधिक पुराने श्मशान घाट पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध कब्जे का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त जमीन पर “हीरालाल स्टेट” के नाम से प्लॉटिंग की जा रही है और अंतिम संस्कार करने आए ग्रामीणों को धमकाया जाता है।
इस मामले में बार-बार की गई शिकायतों के बावजूद प्रशासनिक चुप्पी बनी रही, जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने विरोध की चेतावनी दी।
श्मशान पर रजिस्ट्री का दावा, अंतिम संस्कार रोकने की धमकी
गाटा संख्या 284 स, रकबा 0.228 हेक्टेयर में दर्ज इस भूमि को दशकों से श्मशान घाट के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब वे शवों के अंतिम संस्कार के लिए वहां पहुंचते हैं, तो उन्हें वहां से भगा दिया जाता है। कब्जाधारी पक्ष यह दावा कर रहा है कि यह भूमि फूलचंद यादव की पत्नी कृष्णावती के नाम रजिस्टर्ड है। इससे गांव में भ्रम, तनाव और गुस्से का माहौल बना हुआ है।
इतिहास गवाह है – यहां हुए हैं सैकड़ों अंतिम संस्कार
श्मशान घाट पर रामदीन (100 वर्ष) ,रामदेवी (60 वर्ष) ,प्यारे लाल (27 वर्ष),शांति देवी (22 वर्ष),मोहीद्दीन (6 वर्ष),ब्रह्मा देवी (35 वर्ष),गोकुल (10 वर्ष),राज किशोर (18 वर्ष),धनिराम (60 वर्ष) ,श्यामा देवी (60 वर्ष) रामदीन पुत्र सरजू – 100 वर्ष ,प्यारे लाल पुत्र रामदीन – 27 वर्ष,रामा देवी पत्नी रामदीन – 60 वर्ष ,शांति देवी पत्नी प्यारे लाल – 22 वर्ष,मोहित पुत्र संतसरन – 6 वर्ष
,राम सजीवन पुत्र प्यारे लाल – 5 वर्ष
श्री कृष्ण पुत्र रामदीन – 40 वर्ष,ब्रह्म देवी पत्नी श्री कृष्ण – 35 वर्ष,गोविन्द पुत्र कृष्ण – 10 वर्ष,राज किशोर पुत्र गोविन्द – 18 वर्ष, घनी राम पुत्र सरजू – 60 वर्ष, श्यामा देवी पत्नी राम दीन – 60 वर्ष, राम अवध पुत्र श्री कृष्ण – 2 वर्ष,राम आनंद पुत्र गोविन्द – 6 वर्ष, आंशु देवी पत्नी सरजू – 75 वर्ष,बेचनाथ पुत्र रोहतास – 12 वर्ष, बेचनाथ पुत्र अर्जुन – 25 वर्ष,सरजू देवी पत्नी सरजू – 13 वर्ष,कोमलेश पुत्री राधे लाल – 28 वर्ष, देवी पुत्र रामचरण – 60 वर्ष,चंद्रिका पुत्र लवाई – 80 वर्ष,मैक्सू पुत्र इल्मा – 80 वर्ष, राजा राम पुत्र इल्मा – 20 वर्ष, अंगद पुत्र इल्मा – 8 वर्ष, माया देवी पत्नी राजा राम – 5 वर्ष, मैक्सू पत्नी राम कली – 20 वर्ष ,पूती लाल पुत्र बैजू – 30 वर्ष,शिवदर्शन पुत्र पूती लाल – 21 वर्ष
राम सरपे पुत्र अजात – 10 वर्ष,कैलाश पुत्र राम लखन – 30 वर्ष,राम सागर पुत्र सरजू – 14 वर्ष
सरजू पुत्र बैजू – 16 वर्ष,राम भरोसे पुत्र अमृती – 18 वर्ष,महेश पुत्र सेत – 25 वर्ष,हीरा लाल पुत्र अजात – 15 वर्ष ,फूल राम पुत्र हीरा लाल – 20 वर्ष,साधू राम,हीरा लाल – 15 वर्ष, देवी पुत्र विनोद – 15 वर्ष
विनोद पुत्र साधू राम – 25 वर्ष,साधू राम पत्नी मोहिनी देवी – 40 वर्ष,राम रतन पुत्र भरोसे – 12 वर्ष
,गोविन्द पुत्र अजात – 135 वर्ष,लोबई पुत्र अजात – 120 वर्ष,सेरलाल पुत्र अजात – 160 वर्ष
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि यह भूमि लंबे समय से श्मशान के रूप में प्रयोग हो रही है।
प्रशासन ने लिया संज्ञान – बनी जांच टीम, तय हुई कार्रवाई की तिथि
लगातार शिकायतों के बाद उप जिलाधिकारी बक्शी का तालाब सतीश चंद्र त्रिपाठी ने इस मामले में जांच करवाई और अवैध कब्जा प्रमाणित पाया। इसके बाद राजस्व निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय विशेष टीम गठित की गई, जिसमें लेखपाल प्रमोद यादव, बिंदु तिवारी, सतीश चंद्र, चंद्रकांता, राम निवास, सुरेश चंद्र और आरती देवी शामिल हैं। टीम को 16 जून 2025 को मौके पर जाकर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था।
पुलिस बल की अनुपलब्धता से कार्रवाई अधूरी, मौके पर पहुँची अधिकारी ने दी अहम जानकारी
16 जून को जब प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची, तो पुलिस बल की अनुपलब्धता के कारण कार्रवाई को रोकना पड़ा। नायब तहसीलदार विजया लक्ष्मी तिवारी (बीकेटी पी–2, तहसील बक्शी का तालाब) ने मौके पर मौजूद रहकर बताया: “यह जमीन मुराद घाट के नाम से जानी जाती है और इसका आदेश आज ही ग्राम सभा को सौंपे जाने के लिए जारी किया गया था। लेकिन चिनहट थाना द्वारा अपेक्षित पुलिस व्यवस्था न मिलने के कारण कार्रवाई संभव नहीं हो पाई। प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए निहत्थे हाथ कार्यवाही नहीं कर सकता। जल्द ही अगली तिथि निर्धारित की जाएगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
अब निगाहें प्रशासन पर – क्या मिलेगा श्मशान को न्याय?
स्थानीय ग्रामीणों की मांग है कि अविलंब अतिक्रमण हटाकर श्मशान घाट को उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाए। उनका कहना है कि यदि यह कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
अब सवाल यह है कि –क्या प्रशासन वास्तव में जनभावनाओं के अनुरूप कार्रवाई करेगा या यह मामला भी सिर्फ फाइलों में दब कर रह जाएगा?
क्या मृतकों की आत्मा को सम्मान मिलेगा या भूमि का सौदा होता रहेगा?
ज्ञान सिंह ब्यूरो रीपोर्ट