उन्नाव

नर्सिंगहोम का पंजीकरण नहीं, लगवाया ताला

उन्नाव।

एसडीएम आवास के निकट तीन साल से बिना पंजीकरण व प्रशिक्षित स्टाफ के संचालित निजी अस्पताल को सीएचसी प्रभारी ने बंद कराया। संचालक को चेतावनी दी कि दोबारा अस्पताल खुला मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

कस्बे में बने एसडीएम आवास के निकट नर्सिंगहोम अपोलो अस्पताल के नाम से बिना पंजीकरण संचालित था। अवैध तरीके से संचालित निजी अस्पताल की शिकायत कस्बे के ही तीन लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर की थी। सीएमओ कार्यालय जांच आने के बाद रविवार को सीएचसी प्रभारी डॉ. राजेश कुमार वर्मा को जांच के लिए निजी अस्पताल भेजा। अस्पताल का संचालन कस्बे के अब्दुल हक कर रहे थे। सीएचसी प्रभारी ने उनसे पंजीकरण का कागज मांगा लेकिन वह नहीं दिखा पाए। अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ न होने का कोई बोर्ड भी नहीं लगा था। जांच के दौरान प्रशिक्षित डॉक्टर, स्टाफ नर्स व फार्मासिस्ट भी नहीं मिले। ऑपरेशन कक्ष में भी किसी प्रकार का कोई उपकरण नहीं मिला। वार्ड में मार्ग दुर्घटना में घायल जसरा गांव निवासी अमित शर्मा, विमलेश, शिवम व सरवन भर्ती मिले। इन मरीजों के भर्ती रजिस्टर पर नाम भी नहीं चढ़े थे। दवा इलाज का भी कोई उल्लेख नहीं था। सीएचसी प्रभारी ने अस्पताल बंद करने के निर्देश दिए। चेतावनी दी कि दोबारा संचालन मिला तो रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।

सीएचसी प्रभारी ने बताया कि निजी अस्पताल मानक विहीन संचालित मिला है। वहां भर्ती मरीजों को सीएचसी भिजवाया गया। जांच आख्या उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है।
शिकायत पर ही स्वास्थ्य अधिकारी होते हैं सक्रिय
जिले में बिना पंजीकरण व प्रशिक्षित स्टाफ के नर्सिंगहोम संचालन का सिलसिला बंद नहीं हो रहा है। वह मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। इसके पहले भी शिकायत पर ही सफीपुर के एक क्लीनिक व फतेहपुर चौरासी के नर्सिंगहोम को बंद कराया गया था।

ब्यूरो रिपोर्ट- हरीश गुप्ता।

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