उत्तर प्रदेश

बीकेटी तहसील बार चुनाव 2025: महिला अधिवक्ताओं की सुरक्षा, लाइब्रेरी और बुनियादी सुविधाएँ बनीं मुख्य मुद्दे, अधिवक्ताओं की एकजुट आवाज़

लखनऊ।

बक्शी का तालाब (बीकेटी) तहसील बार एसोसिएशन चुनाव का माहौल तेज़ हो गया है। अधिवक्ताओं के बीच इस बार का चुनाव केवल पद पाने की होड़ नहीं, बल्कि इज्ज़त, सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं की लड़ाई बन गया है।
अध्यक्ष पद पर अनिल कुमार यादव एडवोकेट
, महामंत्री पद पर जितेंद्र बहादुर सिंह एडवोकेट, उपाध्यक्ष मध्य पद पर विनय प्रताप सिंह एडवोकेट, और संयुक्त मंत्री पद पर, पंकज सिंह एडवोकेट चुनावी मैदान में उतरे हैं। प्रत्याशी अधिवक्ताओं की समस्याओं और उनके समाधान को अपने-अपने एजेंडे का प्रमुख हिस्सा बना रहे हैं।
महिला अधिवक्ताओं ने उठाई सुरक्षा और स्वच्छता की मांग
महिला वकीलों का कहना है कि इतनी बड़ी तहसील होने के बावजूद महिलाओं के लिए सुरक्षित वॉशरूम और साफ-सफाई की व्यवस्था बेहद लचर है। रोज़ाना उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है, जबकि प्रशासन सिर्फ़ कागज़ों पर सफाई का दावा करता है। महिला अधिवक्ताओं ने साफ़ शब्दों में कहा कि नई कार्यकारिणी को यह समस्या सबसे पहले हल करनी होगी।
युवा वकीलों की आवाज़ – लाइब्रेरी और स्टडी रूम ज़रूरी
नए प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं ने लाइब्रेरी और स्टडी रूम की मांग ज़ोर-शोर से रखी है। उनका कहना है कि युवा अधिवक्ताओं को पढ़ाई और तैयारी के लिए उपयुक्त माहौल नहीं मिल रहा है। यदि बार एसोसिएशन इस दिशा में ठोस कदम उठाए तो वकालत की नई पीढ़ी को बड़ी ताक़त मिलेगी।
एडवोकेट्स की सुरक्षा पर भी गूंजा मुद्दा
अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि अदालत परिसर में वकीलों की सुरक्षा एक गंभीर विषय है। कई बार वकीलों के साथ बदसलूकी और असुरक्षा की घटनाएँ सामने आई हैं। अधिवक्ताओं का कहना है कि नई कार्यकारिणी को इस दिशा में मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
प्रमुख अधिवक्ताओं ने रखी अपनी राय
मीडिया से बातचीत में कई प्रमुख अधिवक्ताओं ने चुनाव को लेकर अपनी मांगें व सुझाव सामने रखे। इनमें दुर्गेश सिंह, उदय भान सिंह मोनू, आशुतोष पांडे, स्वतंत्र सिंह, कुंवर शूरवीर विक्रम बहादुर सिंह चौहान, मोहम्मद शोएब, महेश रावत, अनुज सिंह समेत कई वरिष्ठ और युवा अधिवक्ताओं ने अपनी बात रखी।
सभी का कहना है कि इस बार का चुनाव अधिवक्ताओं की मूलभूत सुविधाओं और सम्मान की लड़ाई है। उन्होंने भरोसा जताया कि उम्मीदवार चाहे कोई भी हो, पूरे अधिवक्ता समाज का सहयोग और समर्थन चुनाव प्रचार में बराबरी से रहेगा।
निष्कर्ष: इज्ज़त, सुरक्षा और भविष्य का चुनाव
बीकेटी तहसील बार एसोसिएशन चुनाव 2025 केवल पदों की जंग नहीं है, बल्कि महिला वकीलों की गरिमा, युवा अधिवक्ताओं के भविष्य और पूरी वकालत बिरादरी की सुरक्षा व बुनियादी सुविधाओं का सवाल है। अब देखना होगा कि कौन-सी नई कार्यकारिणी इस भरोसे पर खरी उतरती है और अधिवक्ताओं की आवाज़ को सही मायने में ताक़त देती है।

ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञानचंद।
ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञान सिंह।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button