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भारत में अब ओमिक्रॉन वैरिएंट के चार केस: क्या सभी संक्रमित विदेश से आए, क्या उन्हें लगी थी वैक्सीन? जानें सबकुछ

Omicron Variant in India: भारत में कोरोना के पहले दो केस कर्नाटक से सामने आए, वहीं तीसरा केस गुजरात के जामनगर और चौथा मामला महाराष्ट्र के कल्याण से आया है।

 

भारत में अब तक कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के कुल चार केस मिल चुके हैं। देश के पहले दो केस जहां कर्नाटक से मिले थे, वहीं तीसरा केस गुजरात के जामनगर और चौथा केस महाराष्ट्र के कल्याण से मिला है। अब इन मामलों को लेकर लोगों में चिंता बढ़ती जा रही है। ज्यादातर लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट के जो केस मिले हैं, क्या वे सभी विदेश से आए थे, उनमें क्या लक्षण मिले हैं और क्या उन्हें वैक्सीन की डोज लगी थीं?

पहला केस: दक्षिण अफ्रीका से यात्रा करने वाले व्यक्ति में मिला ओमिक्रॉन
भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला मामला कर्नाटक में मिला था। यहां दक्षिण अफ्रीका से आए एक 66 वर्षीय व्यक्ति कोरोना संक्रमित था। हालांकि, जब तक उसकी रिपोर्ट आती, वह एक प्राइवेट लैब से निगेटिव कोरोना रिपोर्ट हासिल कर देश छोड़ चुका था। स्वास्थ्य अधिकारी अब उसकी कोरोना रिपोर्ट की वैधता की जांच कर रहे हैं। अभी यह भी साफ नहीं है कि इस व्यक्ति को कोरोना की वैक्सीन लगी थीं या नहीं।

बताया गया है कि वह व्यक्ति 20 नवंबर को बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंचा था, जहां उसका टेस्ट किया गया था। टेस्ट रिपोर्ट में पॉजिटिव आने के बाद उसे अस्पताल भेजा गया, जहां इलाज के दौरान सरकारी डॉक्टर ने उसके हालचाल जाने और क्वारैंटाइन में रहने की सलाह दी। उसका सैंपल एक बार फिर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। हालांकि, 23 नवंबर को संक्रमित व्यक्ति ने प्राइवेट लैब से खुद को टेस्ट कराया और उसे निगेटिव रिपोर्ट मिली। इस बीच जब तक जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट आती, तब तक वह निगेटिव रिपोर्ट का सहारा लेकर 27 नवंबर को दुबई की फ्लाइट से रवाना हो गया।

दूसरा केस: कर्नाटक के एक डॉक्टर में मिला ओमिक्रॉन वैरिएंट
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का दूसरा मामला भी कर्नाटक से ही आया। यहां एक 46 वर्षीय डॉक्टर में ओमिक्रॉन स्वरूप पाया गया था। हालांकि, उनका विदेश जाने का कोई हालिया रिकॉर्ड नहीं है। 21 नवंबर को डॉक्टर ने अपना टेस्ट कराया था। उनके वायरल लोड को काफी ज्यादा पाया गया था, जिसके चलते उनके सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए। इसमें डॉक्टर के ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।

डॉक्टर को फरवरी में ही कोरोना की वैक्सीन मिल गई थी। उनकी हालिया एंटीबॉडी टेस्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब उनमें एंटीबॉडी का स्तर काफी कम रह गया था। लेकिन चूंकि उन्होंने कोई विदेशी दौरा नहीं किया था, ऐसे में उनके ओमिक्रॉन से संक्रमित होने का स्रोत नहीं मिल पाया है। 20 नवंबर को डॉक्टर ने बेंगलुरु में हुई एक अंतरराष्ट्रीय मेडिकल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया था। माना जा रहा है कि इसी कॉन्फ्रेंस में किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने से वे कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो गए।

तीसरा केस: गुजरात के जामनगर में जिम्बाब्वे से आए व्यक्ति में कोरोना का नया स्वरूप
भारत में तीसरा केस शनिवार को सामने आया। गुजरात के जामनगर में एक 72 साल के व्यक्ति को ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाया गया। वे 28 नवंबर को जिम्बाब्वे से आए थे और उनकी 2 दिसंबर को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इस व्यक्ति को कोरोना की दोनों डोज लग चुकी थीं.

लक्षणों की बात करें तो 72 साल के इस व्यक्ति को कमजोरी के साथ गले में खराश की समस्या थी। वे अपने रिश्तेदारों से मिलने जामनगर पहुंचे थे। फिलहाल उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारैंटाइन कर दिया गया है। स्वास्थ्य अधिकारी सभी की सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेज चुके हैं।

चौथा केस: महाराष्ट्र में मरीन इंजीनियर में ओमिक्रॉन
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का चौथा मामला भी शनिवार को ही मिला है। महाराष्ट्र के कल्याण में एक 33 साल के मरीन इंजीनियर को इस नए स्वरूप से संक्रमित पाया गया। बताया गया है कि यह शख्स अप्रैल से ही शिप पर था, इसलिए उसे कोरोना वैक्सीन नहीं लगी। कल्याण डोंबीवली महानगरपालिका के मुताबिक, नवंबर में जब मरीन इंजीनियर का शिप दक्षिण अफ्रीका में डॉक हुआ, तब उसे शिप से छुट्टी मिली।

भारत लौटने के बाद उसका टेस्ट हुआ, जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 24 नवंबर को उसे बुखार आया। जीनोम सिक्वेंसिंग में इस व्यक्ति को भी ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया है। उन्हें फिलहाल कल्याण के कोविड सेंटर में आइसोलेट किया गया है। हालांकि, उनके परिवार के किसी सदस्य की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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