17 मरीजों में एक की मौत, जांच व दवा छिड़काव में बरती जा रही कोताही
बलरामपुर।
डेंगू का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। अब तक 17 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इनमें से एक को जान भी गंवानी पड़ी है। बावजूद इसके मलेरिया विभाग, नगर पालिका परिषद व ग्राम पंचायतें अपनी जिम्मेदारी से कन्नी काट रहे हैं। अधिकांश डेंगू मरीजों का इलाज लखनऊ में चल रहा है। ऐसे में मरीजों के स्वजन की सैंपलिंग लेने में कोताही बरती जा रही है।
पीड़ितों के घर व आसपास दवाओं के छिड़काव के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग डेंगू से मौत होने की बात से भी इनकार कर रहा है। विभाग की यह कोताही स्वास्थ्य अधिकारियों की संवेदनहीनता बयां कर रही है।
गैंड़ासबुजुर्ग के शाहपुर तप्पाबांक गांव निवासी अकमाल अहमद की तबीयत बिगड़ गई थी। बलरामपुर व गोंडा में इलाज से आराम न मिलने पर लखनऊ में दिखाया। दो अक्टूबर को एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। 14 अक्टूबर को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
इससे स्वास्थ्य विभाग में अफरातफरी मची तो, सीएचसी की टीम ने एक बार गांव में दवा छिड़काव करा दिया। प्रधान स्तर से गंदी नालियों की सफाई, दवा छिड़काव व फागिंग नहीं कराई गई। मृतक के पुत्र शमशाद हुसैन, पुत्री महजबी व यासमीन ने बताया कि सैंपल लिया गया था।
