फाइल खुलने से बढ़ रही लोगों की बेचैनियां
पीएफ घोटाला हो या फिर टैक्सी स्टैंड के आवंटन में मनमानी। शिकायत के बाद जांच के लिए फाइल खुलने से लोगों की बेचैनियां बढ़ने लगी है। नगर पालिका परिषद में गड़बड़ियों की यदि जांच हुई तो कार्रवाई की जद में अफसर के साथ ही माननीय भी आ सकते हैं। फिलहाल, एसडीएम ने मामले की जांच के लिए अभिलेख तलब किए हैं।
नगर पालिका परिषद गोंडा के कार्यालय परिसर में चहलकदमी दिखीं। बोर्ड मीटिंग के लिए चेयरमैन आईं लेकिन, कुछ मिनट बाद ही चली गईं। कर्मचारी मामले में कुछ बोलने से कतराते दिखे। कोई जांच रोकवाने के लिए प्रयास कर रहा है तो कोई अभिलेख देने में हीलाहवाली कर रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई शिकायत में 23 बिंदुओं पर जांच की मांग की गई है। कर्मचारियों के पीएफ घोटाले में छोटे कर्मचारी जेल चले गए लेकिन, बड़े अफसरों पर अभी तक कुछ नहीं हुआ। मामले की विवेचना भी अभी पूरी नहीं हो सकी है। काली सूची में दर्ज फर्म को ही टैक्सी स्टैंड का ठेका देने के मामले में भी मुश्किल बढ़ सकती है।
सभासद शेष चौरसिया व विशाल अग्रवाल का कहना है कि व्यापक स्तर पर गड़बड़ी हुई है। जांच को प्रभावित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एसडीएम मंशाराम वर्मा ने कहा कि अधिशासी अधिकारी से जांच के लिए अभिलेख मांगे गए हैं। अभिलेख मिलने पर जांच की जाएगी।
