गायब रहते डाक्टर व कर्मचारी
(बलरामपुर) : योगी सरकार भले ही थारुओं को बेहतर सुविधाएं देने का दावा कर रही है लेकिन नेपाल सीमा पर स्थित पचपेड़वा ब्लाक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेहरा जंगल में चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की मनमानी मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। यहां चिकित्सक व कर्मचारी अक्सर गायब रहते हैं। ऐसे में इलाज कराने आने वाले बीमारों को झोलाछाप की शरण में जाना पड़ रहा है। थारू बाहुल्य क्षेत्र में पांच बेड के इस अस्पताल में डा. रंजेश व फार्मासिस्ट ओमप्रकाश गौतम की तैनाती है, लेकिन वह गायब ही रहते हैं। सोमवार की सुबह 10.30 बजे तक अस्पताल नहीं पहुंचे थे। बाहर खड़े अशोक थारू का कहना था कि अस्पताल खुलने का कोई समय नहीं निर्धारित है। मिथिलेश का कहना था कि डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के देर से आने के कारण चिकित्सीय सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनोहर लाल थारू व पूर्व ग्राम प्रधान इमलिया कोडर मंगल प्रसाद थारू ने बताया कि उन लोगों को बेहतर इलाज देने के लिए सरकार ने अच्छा कदम उठाया था, लेकिन चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की लेटलतीफी के चलते फायदा नहीं मिल पा रहा है। जलभराव व गंदगी खोल रही व्यवस्था की पोल: अस्पताल परिसर में जलभराव दिखा। उगी घास व उनसे उड़ रहे मच्छरों के चलते अस्पताल परिसर में दो मिनट भी रुकना मुश्किल हो रहा था। डाक्टर का इंतजार कर रहे सुनील ने बताया कि नियमित सफाई न होने से गंदगी रहती है। राजाराम ने बताया कि डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के लिए आवास तो है, लेकिन कोई रुकता नहीं है। संतोष थारू ने बताया कि प्रसव कक्ष का काफी दिनों से ताला नहीं खुला। लापरवाही बर्दाश्त नहीं: सीएमओ मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सुशील कुमार का कहना है कि समय से अस्पताल न पहुंचना लापरवाही है। पचपेड़वा के अधीक्षक को निर्देश दिया जा रहा है कि वह तत्काल चिकित्सक व फार्मासिस्ट से स्पष्टीकरण तलब कर अवगत कराएं।
