निर्विघ्न संपन्न हो गया श्रावण मास मेला सावन महीने में करीब 10 लाख कांवरियों ने गोला पहुंचकर किया जलाभिषेक
लखीमपुर खीरी।
डीएम और एसपी ने किया भंडारे में प्रसाद ग्रहण
गोला गोकरननाथ खीरी
बहुत वर्षों के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि पूरा सावन मेला निर्विघ्न संपन्न हो गया और कहीं कोई घटना और अप्रिय वारदात की खबर नहीं आई। पूरे मेले में कहीं भी गिरहकटी ,चोरी, मारपीट जैसी घटनाएं नहीं हुई। यह पुलिस और प्रशासन की सतर्कता का परिणाम रहा है। श्रावण मास के आखिरी सोमवार को जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह और पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन ने गोला पहुंचकर भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया।
बता दें कि प्रशासन का अनुमान है कि श्रावण मास महीने के चारों सोमवार को और प्रतिदिन कुल करीब 10 लाख कांवरियों ने गोला पहुंचकर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले तीसरे सोमवार को चार लाख भक्तों की भीड़ गोला में उम्र पड़ी थी। जिसे देख कर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे । उम्मीद थी कि आखिरी चौथे सोमवार को भूतनाथ मेले वाले दिन पांच लाख कांवरिया गोला पहुंच सकते हैं परंतु आखिरी सोमवार को कांवरियों की संख्या दो लाख के आसपास आंकी गई है।
मेले के अवसर पर नगर के नीलकंठ मैदान में अग्रवाल समाज द्वारा पूरे श्रावण मास भर जलपान और भोजन की व्यवस्था की गई थी। इसी भंडारे में आखिरी सोमवार के दिन जिला अधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह, पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन, अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी अजय मल्ल, पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार सहित बहुत से पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने भोजन ग्रहण किया।
सावन के महीने में नगर सहित विभिन्न स्थानों पर दर्जनों भंडारे चलते रहे और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन और जलपान की व्यवस्था उपलब्ध कराते रहें।
मेले में सभी स्थानों पर जगह-जगह बेरी केटिंग करके कांवरियों को सुरक्षित मंदिर तक पहुंचा कर दर्शन कराए जाने और बाहर निकलने की व्यवस्था की गई थी। कड़ी चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था के कारण यह पहला अवसर देखा गया कि 10 लाख लोगों की भीड़ होने के बावजूद पूरे मेले में कहीं कोई गिरहकटी , चोरी , मारपीट, भगदड़ आदि की घटनाएं नहीं हुई। कोतवाली प्रभारी विवेक उपाध्याय के विशेष परिश्रम की सराहना आम जनमानस में की जा रही है। हालांकि श्रावण मास रक्षाबंधन के दिन तक चलेगा और अभी अन्य कांवरिया और भक्तजन गोला पहुंचकर जलाभिषेक करते रहेंगे परंतु आखिरी सोमवार होने के कारण भीड़ की जो संभावनाएं प्रशासन द्वारा की जा रही थी वह समाप्त हो गई है। श्रावण मास मेला सकुशल संपन्न होने पर पुलिस और प्रशासन ने चैन की सांस ली है।