लखनऊ

फिल्मी स्टाइल दृश्यम को देखकर रची गई थी महिला की हत्या करने की साज़िश

डीसीपी पश्चिमी राहुल राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया हत्या का खुलासा

 

लखनऊ 

पश्चिम की पुलिस ने ढूंढ निकाला दृश्यम-2 सिनेमा को देखकर महिला की हत्या की साजिश 09 दिन, 09 टीमें, 49 किलोमीटर, 1900 कैमरे, चेक किया गया। घटना की साजिद
रचने वाले उसके सगे बहनोई, रहस्यमई औरत और दो अन्य बदमाशों को फर्जी नंबर प्लेट और मोबाइल को साजिश के तहत घटना के पहले दूसरे जिले में भेजकर पुलिस को उलझाने की कोशिश, परन्तु इनोवा गाड़ी के पहिये के टूटे हुये व्हील कवर ने पुलिस को दिया अहम सुराग
पुलिस आयुक्त लखनऊ एस.बी. शिरडकर के निर्देशन में, पुलिस उपायुक्त पश्चिमी राहुल राज के मार्गदर्शन में, अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिमी चिरजीव नाथ सिन्हा व सहायक पुलिस आयुक्त काकोरी अनूप कुमार सिंह के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक श्रीकान्त राय के नेतृत्व में गुमशुदा महिला की हत्या का प्रयास करने वाले अभियुक्तगण की घटना में प्रयुक्त इनोवा कार के साथ गिरफ्तार किया गया।
थाना पर पर एक महिला जिसका नाम नीलम सैनी पुत्री रामचंद्र उम्र करीब 30 वर्ष निवासी फतेहगंज थाना पारा लखनऊ के गुमशुदा हो जाने की सूचना प्राप्त हुई। जिसपर थाना पारा में गुमशुदगी दर्ज की गई। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए गुमशुदा महिला की तलाश शुरू की गई। जिसके क्रम में जानकारी हुई कि उक्त गुमशुदा महिला एक सुनसान जगह ग्राम कल्ली पूरब थाना क्षेत्र मोहनलालगंज में घायल अवस्था में मिली हा जहा के ग्रामीणों के द्वारा ग्राम प्रधान रामखेलावन को सूचना दी गई। जिनके द्वारा पुलिस को 112 पर कॉल करके सूचना देते हुए, एम्बुलेंस को भी कॉल कर SGPGI अस्पताल में तत्काल भर्ती कराया गया। तत्काल थाना हाजा से एक पुलिस टीम SGPGI अस्पताल के लिए रवाना की गई। जहां पर उक्त महिला से घटना और घटना कारित करने वालों के बारे में जानकारी चाही गई तो चिकित्सकगण द्वारा बताया गया कि महिला गला कटने के कारण बोलने में असमर्थ है। इलाज शुरू होने के बाद उक्त पीड़ित महिला ने लिखकर बताया कि एक आसमा नाम की महिला कई महीनो से मेरी दुकान पर आया जाया करती थी जिससे मेरी दोस्ती हो गई लेकिन मुझे यह नहीं मालूम है कि यह कहा की रहने वाली है और उसका फोन नंबर क्या है 5 तारीख को वह महिला मेरी दुकान पर आई थी और पूजा पाठ करवाने के बहाने मुझे अपने साथ एक कलर की पुरानी इनोवा में बैठा कर ले गई थी। जहां अपने घर से आसमा और गाड़ी चालक के साथ चलकर हम लोग बुद्धेश्वर चौराह पहुंचे। जहां पर आसमा के साथी ड्राइवर ने जूस मुझे ला कर दिया जिसको पीकर में बेहोश हो गई उसके बाद मुझे कुछ भी याद नहीं है कि मेरे साथ क्या हुआ रात में अचानक मेरी आंख खुली तो मुझे दर्द हो रहा था और मेरे गले से खून बह रहा था न किसी तरह घिसटते हुए एक जगह रास्ते पर पहुंची जहा पर आग जल रही थी तो मैं वहा आग सेकने लगी। तब उस गांव के कुछ लोगों द्वार पुलिस व एम्बुलेंस को बुलाकर मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया। अग्रिम कार्यवाही के दौरान मजरूबा द्वारा बताये गये ग्रे कलर की कार इनोवा व आसमा नाम की महिला की तलाश करना शुरू किया गया। तो घटनास्थल के पास ही एक सीसीटीवी कैमरा में घटन के समय के आसपास दो इनोवा गाड़ी ग्रे कलर आती जाती दिखाई दी जिनको आगे बढ़कर ट्रेस किया गया तो उनमें से एक गाड़ी का नंबर बुद्धेश्वर चौराहे पर लगे आईटीएमएस के कैमरे में कैद हुआ था। आईटीएमएस से प्राप्त गाड़ी नंबर के आधार पर गाड़ी को ट्रे किया गया और गाड़ी मालिक से पूछताछ की गई तो उस गाड़ी और गाड़ी मालिक की इस घटना में कोई संलिप्तता नहीं पाई गई परन्तु आईटीएमएस की फुटेज देखने से स्पष्ट हो रहा था कि इसी नंबर की ही इनोवा गाड़ी ग्रे कलर वहा से गुजरी है, जिससे यह स्प हो गया कि घटना में प्रयुक्त उक्त वाहन पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई है। अब इससे आगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चेक कर हुए गाड़ी को ट्रेस किया गया। तो सैकडो कमरे देखने के बाद गाड़ी का तालकटोरा की तरफ आना जाना पाया गया।
तब घटना स्थल से लेकर पीड़ित महिला के घर तक और उसी क्रम में पीड़ित महिला के घर से लेकर घटना स्थल तक सारे सम्भावित मार्गो पर ऑपरेशन दृष्टि के अन्तर्गत चिन्हित एवं लगाये गये लगभग 1900 सीसीटीवी कैमरों को चेक किया गया। चुकि जिस स्थान से उस महिला को ले जाया गया था यहां पर उपस्थित कुछ चश्मदीद साक्षियों ने बताया था कि उस महिला को एक इनोवा कार में एक दूसरी महिला के साथ बैठ कर जाते हुए देखा गया है। उस जगह उस दिन घटना के समय लगभग 01 घण्टे के अन्दर 10 इनोवा गाडिया यहा से गुजरी थी। उन सभी इनोवा गाडियों का नम्बर ढूंढ कर उन्हे चेक किया गया लेकिन एक को छोड़कर किसी की कोई संदिग्धता नहीं मिली। किन्तु एक इनोवा गाड़ी घटना स्थल से लगभग 40-50 मीटर पहले कुछ मिनटों के लिये वहा रुकी हुयी देखी गयी थी, जिसमें बहुत ध्यान से देखने पर यह स्पष्ट हुआ कि उस गाड़ी के बायी साइट के पिछले पहिये का व्हील कवर एक जगह से टूटा हुआ है। गाड़ी के रंग और मैक के अतिरिक्त यही एक मात्र ऐसा सुराग था जिसे सीसीटीवी कैमरा चेक करने वाली सभी 09 टीमो को शेयर किया गया। घटना के करने के उपरान्त इनोवा में सवार सभी अभियुक्तो ने योजना के तहत गाड़ी को जानबुझकर इधर से उधर घुमाते रहे ताकि पुलिस को सुराग न मिल सके किन्तु अतिरिक्त क्षमता एवं तकनीकी दक्षता के साथ सभी 09 टीमें लगातार इस संदिग्ध गाड़ी को ढूंढते रही। इस प्रकार इस एक मात्र सुराग ने पुलिस को उस गाड़ी तक पहुंचा दिया। मुख्य अभियुक्त संतोष सैनी ने पूछताछ पर बताया कि मेरे ससुर की दो बेटिया है। एक मेरी पत्नी व दूसरी पीड़िता मेरे ससुर ने मेरी साली को जमीन के कई प्लाट व मकान दे दिये थे किन्तु मुझे कुछ नहीं दिया था। एक मकान और उन्नाय वाली जमीन अभी भी मेरे ससुर के पास बचा हुआ है, जिसे उसे अभी तक मेरी साली को नहीं दिया है। मुझे भय था कि मेरा ससुर यह प्रापर्टी भी मेरी साली को दे देगा। इस बात से में अपने ससुर से काफी नाराज था और उनको सबक सिखाना चाहता था। मेरी साली की शादी बहुत पहले टूट गयी थी, जिसका आरोप मेरी साली मुझपर लगाती थी की मेरे कारण ही मेरी शादी टूट गयी है। इसी कारण मेरा ससुराल आना जाना बन्द हो गया था। तब मैंने इन दोनो को सबक सिखाने के लिये और जमीन व मकान हड़पने के लिये यह सोचा कि यदि मैं अपनी साली को रास्ते से हटा देता हूँ तो बची हुयी प्रापर्टी मुझे मिल जायेगी। इसी उद्देश्य से मैंने यह योजना बनायी और अपने घनिष्ट मित्र मुन्नू के साथ इसे अंजाम देने के लिये एक महिला को ढूंढने के लिये कहा जो मेरी साली से दोस्ती कर उसे उसके घर से बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर ला सके जहा से उसे बेहोश कर हम किसी सुनसान जगह पर ले जाकर उसकी हत्या कर सकें। इसी दौरान मैंने एक पिक्चर देखी थी, जिसमें घटना करने के बाद कोई सुराग न बच्चे का तरीका बताया गया था। चुकि मुझे ऐसी गाड़ी चाहियेथी जिसने 04-05 लोग आराम से बैठ सके और गाड़ी के अन्दर ही हम लोग अपनी साली की हत्या कर सके। एक दिन मुझे हैदरगंज तिराहे पर एक ग्रे रंग की इनोवा दिखायी दी जिसका नम्बर मैने नोट कर लिया। फिर मैंने मुन्नू से कह कर फर्जी नम्बर प्लेट बनवायी और उसी रंग की इनोवा गाड़ी खोजने लगा मुन्नू के जान पहचान ने शुभम के पास ऐसी गाड़ी थी। तब पहले से नोट किये गये नम्बर का मैने फर्जी नम्बर प्लेट बनवाया और घटना वाले दिन उसे शुभम की गाड़ी पर लगा दिया ताकि कोई हमे पकड़ न सके। सभी के फोन नम्बर स्वीच ऑफ करा दिये गये थे और मैने अपना मोबाइल उन्नाव भेज दिया था ताकि कोई मुझ पर शक न कर सके।
पकड़ी गई गाड़ी का घटना में प्रयुक्त गाड़ी से फोटो के आधार पर मिलान किया गया तो दोनो गाड़िया एक ही पाई गई। गाड़ी मालिक शुभम यादव से सख्ती से पूछताछ करने पर बताया कि लगभग 3 महीने पहले मेरे दोस्त मुन्नू ने मुझे उसके दोस्त संतोष के साथ मिलकर सतोष की साली की हत्या करने की योजना के बारे में बताया था, इसके बदले पैसे और प्लाट मिलने की बात कही थी, लालच में मैं तैयार हो गया था, घटना से लगभग 7 दिन पहले हम लीग मिले और कैसे-कैसे घटना को अंजाम देना है उसकी योजना बनाई जिसमें सतोष कहीं से एक नशीली दवाई जो कि कुछ पीसी हुई थी लेकर आया था उसने बताया कि जब आसमा नीलम को लेकर बुद्धेश्वर चौराहे पर आ जाएगी तो तुम जूस लेकर आना जिसमें तुम यह पाउडर मिला देना जिसको पीकर नीलम बेहोश हो जाएगी और हम तुम तुमसे तिकुनिया पर मिलेंगे और फिर कहीं सुनसान जगह पर ले जाकर उसकी हत्या कर कर फेंक देंगे उसी दिन एक गाड़ी का नंबर संतोष ने दिया था और बताया था कि यह ग्रे कलर की इनोवा का नंबर है यह नंबर प्लेट बनवा लेना क्योंकि पुलिस नंबर प्लेट से ढूंढ लेगी तो अपनी नंबर प्लेट हटाकर यह नंबर प्लेट लगा लेंगे तो पुलिस ढूंढ नहीं पाएगी तब 25000 रुपए संतोष ने हम लोगों को दिए जिसमें से रुपया 10000 मुझे मिले रुपया 10000 आसमान को मिले रुपया 5000 मुन्नू को मिले और यह योजना बनाने के बाद हम सभी सही मौके का इंतजार करने लगे क्योंकि 4 महीने से आसमा नीलम के पास आया जाया करती थी तो उसकी अच्छी दोस्ती हो गई थी और नीलम आसमा पर भरोसा करने लगी थी तो हमें बस एक दिन पूजा पाठ का बहाना बनाकर उसको लेकर आना था क्योंकि नीलम पूजा पाठ में विश्वास रखती है इसलिए हमारा काम और भी आसान हो गया। घटना वाले दिन मेरे साथ मेरा दोस्त मुन्नू उर्फ आसिफ असारी और उसकी एक रिश्तेदार आसमा और मुन्नू का दोस्त संतोष थे घटना वाले दिन मुझे मुन्नू ने फोन किया था तो में अपनी गाड़ी लेकर आया और मुझे ये तीनों लोग फरीदीपुर पर मिले जहां से मैं आसमा को अपने साथ लेकर भुअर पुल के नीचे से होता हुआ गांव रामपुर, फिर रामपुर से गाव दशहरी दशहरी गांव से पलिया पालिया से नरोना नरोना से काकोरी मोड काकोरी मोड़ से आगरा एक्सप्रेसवे के नीचे से होते हुए फतेहगंज पहुंचा फतेहगंज आसमा के घर से पहले गाड़ी को खड़ी कर दिया था आसमा नीलम को लेकर आई थी जहा आत्मा ने कुछ सामान खरीदा बर्तन खरीदे और तब वह गाड़ी में बैठ गई जहा से जहा से हम दोनों लोग नीलम को लेकर बुद्धेश्वर आ गए जहा पर पहले से तैयार योजना के हिसाब से मैं जूस लेने गया और जूस में बेहोशी की दवा मिलाकर नीलम को दे दिया थोड़ी देर बाद ही वह बेहोश हो गई इसके बाद हम दोनों गाड़ी लेकर तिकुनिया पर आए जहां पर पहले से मौजूद संतोष और मेरा दोस्त मुन्नू हमारे साथ गाड़ी में बैठ लिए हम लोग 12 बिरवा से होते हुए तेलीबाग पहुचे तेलीबाग से हम मोहनलालगंज गए जहां पर एक सुनसान जगह देखकर हमने गाड़ी रोक ली पहले हम लोगों ने उसका गला दबाया लेकिन नीलम मरी नहीं तो हम लोग उसको गाड़ी से खींच कर पास ही एक झाड़िया में ले गए जहां पर संतोष ने ब्लेड से नीलम का गला काट दिया लेकिन आसमा को लगा ये मरी नहीं है तो आसमा ने ब्लेड लेकर दोबारा से नीलम का गला काटा और हम लोग थोड़ी देर वहीं पर रहे हमको लगा कि वह मर गई तो उसको वहीं छोड़कर हम लोग वापस आ गए वापसी में मुन्नू और आसमा मेरी गाड़ी से आलमबाग उतरकर रिक्शा में बैठकर अपने-अपने घर चले गए और में सतोष के आया जहा पर सतोष को तालकटोरा ने उतार कर अपनी गाड़ी एक सुरक्षित जगह पर प्लाट में खड़ी कर दी। आज हमलोग पकड़े जाने के डर से दिल्ली भाग रहे थे कि आपने पकड़ लिया। जिनका नाम थाना पारा पर पंजीकृत मु०अ०स०- 378/23 धारा 307/328/364/201/34 भा०द०वि० में प्रकाश में आया। अभियुक्तगण के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम पता-
1. संतोष कुमार सैनी उर्फ मंत्री पुत्रस्य मुन्ना लाल सैनी मूल निवासी ग्राम बिछलका थाना रामनगर जिला बाराबकी हाल पता- किराये का मकान राधू यादव मोहल्ला शीतलापुरम थाना पारा लखनऊ उम्र करीब 42 वर्ष ।
2. मो0 आसिफ असारी उर्फ मुन्नू पुत्र स्व0 मो० जमील निवासी स०न० 68/397 लाल कुआ भेडी मण्डी छितवापुर पंजावा थाना हुसैनगंज जिला लखनऊ उम्र करीब 34 वर्ष ।
3. शुभम यादव पुत्र स्व0 जगदीश प्रसाद यादव निवासी म०न० ई-5239 सेक्टर 12 राजाजीपुरम थाना तालकटोरा जनपद
लखनऊ, मूल पता ग्राम माधोपुर थाना दुबग्गा जनपद लखनऊ उम्र करीब 29 वर्ष । 4. आसमा बानो पत्नी सलमान निवासी मोहल्ला ठाकुरखेडा, ग्राम मऊ रायबरेली रोड थाना मोहनलालगंज जनपद लखनऊ उम्र करीब 28 वर्ष ।
अभियुक्तगण के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी की जा रही है। बरामदगी
1. एक अदद इनोवा कार में दलर नंबर UP410051 2. एक अदद रक्त रंजित ब्लेड घटना में प्रयुक्त
अभियुक्त को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम – क्राइम टीम
डी०सी०पी० पश्चिमी लखनऊ 1. निरीक्षक राजदेव प्रजापति
2. उ0नि0 अंकित बालियान 3. उ0नि0 आशीष बालियान
4. हे0का0 गोविन्द 5. हे0का0 विनय सिंह थाना मानकनगर लखनऊ। 1. उ0नि0 शिवमंगल सिंह थाना मानकनगर कमिश्नरेट लखनऊ 2. उ0नि0 ज्ञानेश्वर सिंह थाना मानकनगर कमिश्ररेट लखनऊ 3. का0 अजय कुमार थाना मानकनगर कमिश्नरेट लखनऊ थाना पारा लखनऊ 1. प्र0नि0 श्रीकान्त राय थाना पारा कमिश्नरेट लखनऊ 2. उ0नि0 अजय कुमार थाना पारा कमिश्नरेट लखनऊ 3. उ0नि0 राज सोनकर थाना पारा कमिश्नरेट लखनऊ
4. उ0नि0 प्रमिन्दर सिंह थाना पारा कमिश्नरेट लखनऊ
5. उ0नि0 दिनेश कुमार सिंह थाना पारा कमिश्नरेट लखनऊ
6. उ0नि0 बृजपाल सिंह थाना पारा कमिश्नरेट लखनऊ
7. का0 7725 दीपनारायण थाना पारा कमिश्नरेट लखनऊ

ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञानचंद।

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