अहंकार, त्याग स्वयं के लिए नहीं दूसरों के लिए सोचे यही सच्ची मानवता
उन्नाव।
करोवन मोड़ के निकट चल रही श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठम दिवस देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने पुतना उद्धार, कृष्ण रुक्मिणी विवाह एवं श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वृत्तांत सुनाया।
उन्होंने कहाकि अभिमान व अहंकार ही मनुष्य के दुख का सबसे बड़ा कारण है। मनुष्य दुखी कब होता है पश्चाताप कब करता है, परेशान कब होता है जब वो अभिमान करता है हमारे दु:ख का कारण ही अहंकार है। जब मनुष्य अपनी अहंकार की आदतों से बुरी तरीके से दुखी होता है, अभिमान करता है, तो फिर उसे भला बुरा नहीं दिखता है, अपना पराया भी नहीं दिखता है। जब वो अभिमानी होता है तब सिर्फ मैं दिखता है बाकी कोई नजर नहीं आता है और ये ही अहंकार विनाश की जड़ है।
इसलिए अहंकार, त्याग स्वयं के लिए नहीं दूसरों के लिए सोचे यही सच्ची मानवता है। श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस बुधवार को द्वारिका लीला, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, व्यास पूजन पूर्णाहुति का वृतांत सुनाया जाएगा। सदर विधायक पंकज गुप्ता, रश्मि गुप्ता,जिलापंचायत सदस्य अरुण सिंह, ब्लाक प्रमुख नीरज गुप्ता, अंजू गुप्ता, डा. मनीष सिंह सेंगर आदि मौजूद रहे। मीडिया प्रभारी डा. मनीष सिंह सेंगर ने बताया कि नौ दिसंबर को शाम पांच बजे से भजन सम्राट अनूप जलोटा की भजन संध्या होगी। वहीं जानकी कुंड परियर में देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने अति प्राचीन वट वृक्ष के नीचे बैठकर भागवत कथा सुनाई। उन्होंने व्यास पीठ से कहा कि ऐसे पौराणिक स्थल पर कथा कहने का अवसर पाना हमारा धन्य भाग्य हैं। उन्होंने साथ चल रही निजी टीम में शामिल कार्यकर्ताओं से अपने यूट्यूब चैनल के लिए वीडियो फुटेज तैयार कराए। यही नहीं वीडियो रिकार्डिंग के दौरान स्वयं एंकर की भूमिका निभाई।