नहीं सुधर रहे अस्पतालों के हालात
बलरामपुर ।
मंत्री जी के निरीक्षण का अस्पताल प्रशासन की मनमानी पर कोई असर नहीं पड़ा। हालात जस के तस होने से मरीजों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। जिला मेमोरियल चिकित्सालय में चिकित्सकों व कर्मियों का अभाव तो जिला संयुक्त चिकित्सालय में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी मरीजों की जेब पर डाका डाल रही है। सबसे खराब हालत महिला अस्पताल का है जहां संसाधनों की कमी तो है ही है।
साथ ही मरीजों की जेब पर भी डाका डाला जा रहा है। गत दिनों राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने संयुक्त जिला अस्पताल व जिला महिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। लापरवाही मिलने पर मुख्य चिकित्साधीक्षकों को कड़ी फटकार लगाई थी, लेकिन सुधार नहीं हुआ।
विशेषज्ञों की कमी से लाचार संयुक्त चिकित्सालय : जिला संयुक्त चिकित्सालय में निश्चेतक न होने से कोई आपरेशन नही हो पा रहा है। इसके अलावा नाक, कान गला विशेषज्ञ, डेंटल सर्जन व चर्म रोग विशेषज्ञ की कमी से भी अस्पताल लाचार दिख रहे हैं। इन रोगों के मरीजों को मुख्यालय भागना पड़ रहा है।
महिला अस्पताल भवन के साथ बजट की दिक्कत : महिला अस्पताल में बिल्डिंग छोटी होने के कारण मरीज अंदर से बाहर तक जमीन पर लेटे रहते हैं। अस्पताल परिसर में जानवरों का जमावड़ा भी तीमारदारों और प्रसूताओं को दर्द दे रहा है। यहां प्रसव कक्ष में वर्षों से जमी स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कर्मी बारी-बारी से तीमारदारों का आर्थिक शोषण करते रहते है।
दवा व जांच के नाम पर लुट रहे तीमारदार अस्पताल आने के नाम से ही घबरा जाते हैं। विधान परिषद सदस्य ने टटोली स्वास्थ्य सेवाओं की नब्ज: मंगलवार को जिले में आई बहराइच विधान परिषद सदस्य डा. प्रज्ञा त्रिपाठी ने जिला संयुक्त चिकित्सालय व सीएमओ कार्यालय पहुंचकर स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। महिला अस्पताल की छोटी बिल्डिंग देखकर उन्होंने कहा कि इसमें कैसे इलाज होता होगा। वह मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय भी पहुंची जहां सीएमओ डा. सुशील कुमार से मिलकर बाढ़ चौकियों को भेजी जा रही दवा किट देखी। साथ ही अन्य चिकित्सीय सुविधाओं की जानकारी भी ली।
