अजब गजब

अजब गजब: मौत से पहले क्या सोचता है इंसान? वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

अग्नि, वायु, गगन, जल और मिट्टी इंसान का शरीर इन पांच तत्वों से मिलकर बना है। ऐसे में जब इंसान की मृत्यु होती है तो अंतिम संस्कार के बाद ये सभी पांच तत्व वातावरण में विलीन हो जाते हैं। धरती पर हर प्राणी की मृत्यु तय होती है। इंसान हो या जानवर उसे एक निश्चित समय तक जीवन बिता कर मरना ही है। दुनिया में प्रकृति ने प्राणियों के जीवन का एक क्रम तय किया हुआ है। बचपन, जवानी, प्रौढ़ावस्था और बुढ़ापा हर इंसान के जीवन के मुख्य चरण है। ऐसा कहा भी जाता है कि जब किसी चीज का अंत होता है तभी एक नई शुरुआत भी होती है। इसी कड़ी में आज एक ऐसे रोचक तथ्य के बारे में चर्चा करेंगें कि आखिर व्यक्ति अपने अंतिम समय में क्या सोचता होगा? जी हां, इस बात का खुलासा अब वैज्ञानिकों ने किया है जो बेहद चौकाने वाला है। आइए जानते हैं कि इंसान अपने अंतिम समय में क्या सोचता है….

अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ लूइसविले के न्यूरोसर्जन डॉ. अजमल जेमार ने इस विषय पर एक अध्ययन किया। जिससे पता चलता है कि मरने के आखिरी पलों में इंसान क्या सोचता है। हालांकि, ये एक अनसुलझी पहेली है जिसे पता लगा पाना मुश्किल है। इसके पीछे की वजह है कि हर इंसान की मानसिक स्थिति अलग-अलग होती है। ऐसे में हर इंसान की सोच अलग-अलग होती है।

दरअसल, इंसान की मृत्यु बीमारी, बुढ़ापे, दुर्घटना या फिर अन्य कारणों से ही होती है। अब इस अवस्था में इंसान अपने अनुभव बताने में सक्षम नहीं होता है। लेकिन, फिर भी वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में जो बात बताई है वो बेहद हैरान करने वाली है। अगर वैज्ञानिकों की बात पर यकीं करें तो ये आश्चर्यचकित करने वाली खोज हो सकती है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में एक 87 वर्षीय बुजुर्ग का मिर्गी का इलाज चल रहा था। उन्हें इलेक्ट्रोएनसिफेलोग्राम पर रखा गया लेकिन उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। इस दौरान जब डॉक्टरों की टीम उनको डायगनोस्ट कर रही थी तभी अचानक उनके ब्रेन की मैपिंग हुई। इस मैपिंग में जो बात सामने निकलकर आई, उसे जानकर आपको हैरानी होगी। इस रिपोर्ट के अनुसार, वो बुजुर्ग अपने जीवन के आखिरी 15 मिनट में अपने जीवन की अच्छी बातों और घटनाओं को याद कर रहे थे।

इस टेस्ट में दिमाग पर गामा ओसिलेशन वेब डाली जाती है। जो व्यक्ति की मेमोरी, ध्यान और उसके सपने देखने के बारे में पता लगाती हैं। इस अध्ययन से पता चलता है कि व्यक्ति के अंतिम समय में अच्छे समय की वही सारी गतिविधि याद करता है जो उसने उस समय की थी।  डॉक्टर इसके पीछे की वजह बताते हैं कि शायद इंसान का दिमाग खुद को मौत के दौरान होने वाली पीड़ा के लिए तैयार करता है जिससे होने वाली मौत आसान हो जाए। हम इस तरह से भी कह सकते हैं कि इंसान एक तरह से सपने देखने लगता है। ये शोध एजिंग न्यूरोसाइंस में पब्लिश किया गया है।

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