हम लोग भारत का झंडा फहराते हुए निकले और अपनी बस पर आगे की ओर झंडा लगा लिया। ऐसा करने से हमको किसी ने परेशान नहीं किया। यह कहना है रविवार को यूक्रेन से भारत लौटे कानपुर के नौबस्ता योगेंद्र विहार के रहने वाले अमन कुमार शर्मा का।
अमन उजाहोर्ड नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र है। अमन के अनुसार वहां माहौल तनावपूर्ण था, लेकिन कोई भी धमाका या हिंसा नहीं हुई। शाम सात से सुबह 10 बजे तक कर्फ्यू लग जाता था, बाहर निकलना मना था।
कॉलेज की मेस में खाने की समस्या भी आने लगी थी। हम लोगों के पास स्टॉक था, इस वजह से खाने की ज्यादा समस्या नहीं हुई। 26 फरवरी को हंगरी बार्डर के लिए निकले तो बस वाले ने लगभग पांच किलोमीटर दूरी का 3500 रुपये किराया लिया। हंगरी बार्डर पर सिक्योरिटी चेक और ट्रांजिट वीजा समेत कई औपचारिकताओं को पूरा करने में लगभग पांच घंटे का समय लगा।
उसके बाद हंगरी के बुडापेस्ट एयरपोर्ट गए, वहां से फ्री में फ्लाइट से 27 फरवरी को नई दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे। वहां लेने के लिए पिता डॉ. सुनील कुमार शर्मा और मां लक्ष्मीकांती शर्मा मौजूद थे। सोमवार को मित्र और रिश्तेदारों से मिले तो सबने खैर खबर ली और वहां के हालात पूछे।